याद आता है मुझको
वो दादी का घर
वो दादी का घर और
गर्मी की मस्ती
वो गर्मी की मस्ती और
अमिया चुराना
वो अमिया चुरा कर
धीरे-धीरे भागना
धीरे-धीरे भागकर
कोठरी में छिप जाना
कोठरी में छिपकर
चुपके-चुपके अमिया का खाना
याद आता है मुझको
वो दादी का घर...
पुष्पा सहाय'गिन्नी'
रांची, झारखंड
#One season