पहले समय में सप्ताह के सोम, मंगल वारों का प्रचलन नहीं था। एक पूर्णिमा से दूसरी पूर्णिमा तक के काल को पूर्ण मास कहते थे मास का मूल अर्थ है चांन्द्र मास यानी चंद्र को पृथ्वी का एक चक्कर पूरा करने में लगने वाला समय जो करीब 29 दिन 12 घंटे बाद 44 मिनट होता है इस चांन्द्र मास दो पक्षों में बांटा गया है। अमावस्या से पूर्णिमा तक शुक्ल पक्ष और पूर्णिमा से अमावस्या तक कृष्ण पक्ष ।चंद्रमा को पृथ्वी की परिक्रमा पूरी करने में लगभग 354 दिन लगते हैं मगर पृथ्वी को सूर्य का एक चक्कर लगाने में 365 दिन तथा लगभग 6 घंटे लगते हैं। इसीलिए चंद्र वर्ष को सौर वर्ष में करीब 11 दिनों का अंतर पड़ता है ।यही कारण है कि इन दोनों में मेल बैठाने के लिए हर 3 साल बाद 13 7अधिमास जोड़ने की व्यवस्था की गई।
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