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"सत्यम शिवम सुंदरम" इसका अर्थ है कि कोई चीज यदि सत्य है, कल्याणकारी है, और सुन्दर है- तभी वह ग्राह्य है। 😊🌺🌈🌎 ©Sushmita

#LataMangeshkar #समाज  "सत्यम शिवम सुंदरम"

इसका अर्थ है कि कोई चीज यदि सत्य है, कल्याणकारी है, और सुन्दर है- तभी वह ग्राह्य है।
😊🌺🌈🌎

©Sushmita

2017 😁😁

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danc...💐😁😁😁

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म्यूजियम यानी संग्रहालय इतिहास के साथ दुनिया के अजूबों के विषय में भी बताते हैं ।म्यूजियम या संग्रहालय ऐसे स्थान को कहा जाता है जहां इतिहास सभ्यता आदि से जुड़ी सामग्री का संग्रह होता है। इनके द्वारा हम पुरानी सभ्यताओं और स्थितियों के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं म्यूजियम कई प्रकार के होते हैं ।पुरानी सभ्यताओं के प्रमाण, मूर्तियां ,डाक टिकट, तलवारें कंप्यूटर, वसीयतें यहाँ आते हैं ।यहां तक कि मस्तिष्क के भी म्यूजियम होते हैं। हर साल 18 मई को म्यूजियम दिवस मनाया जाता है। भारत के प्रमुख म्यूजियम— इंडियन म्यूजियम ,कोलकाता ,तारपुर वाला म्यूजियम, मुंबई साइंस म्यूजियम, बंगलुरु इंटरनेशनल डॉल म्यूजियम. दिल्ली रेल म्यूजियम. दिल्ली मुंबई राष्ट्रीय संग्रहालय नई दिल्ली आदि। sushmita

#reading  म्यूजियम यानी संग्रहालय इतिहास के साथ दुनिया के अजूबों के विषय में भी बताते हैं ।म्यूजियम या संग्रहालय ऐसे स्थान को कहा जाता है जहां इतिहास सभ्यता आदि से जुड़ी सामग्री का संग्रह होता है। इनके द्वारा हम पुरानी सभ्यताओं और स्थितियों के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं म्यूजियम कई प्रकार के होते हैं ।पुरानी सभ्यताओं के प्रमाण, मूर्तियां ,डाक टिकट, तलवारें कंप्यूटर, वसीयतें यहाँ आते हैं ।यहां तक कि मस्तिष्क के भी म्यूजियम होते हैं। हर साल 18 मई को  म्यूजियम दिवस मनाया जाता है। भारत के प्रमुख म्यूजियम— इंडियन म्यूजियम ,कोलकाता ,तारपुर वाला म्यूजियम, मुंबई साइंस म्यूजियम, बंगलुरु इंटरनेशनल डॉल म्यूजियम. दिल्ली रेल म्यूजियम. दिल्ली मुंबई राष्ट्रीय संग्रहालय नई दिल्ली आदि।
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#reading

21 Love

पहले समय में सप्ताह के सोम, मंगल वारों का प्रचलन नहीं था। एक पूर्णिमा से दूसरी पूर्णिमा तक के काल को पूर्ण मास कहते थे मास का मूल अर्थ है चांन्द्र मास यानी चंद्र को पृथ्वी का एक चक्कर पूरा करने में लगने वाला समय जो करीब 29 दिन 12 घंटे बाद 44 मिनट होता है इस चांन्द्र मास दो पक्षों में बांटा गया है। अमावस्या से पूर्णिमा तक शुक्ल पक्ष और पूर्णिमा से अमावस्या तक कृष्ण पक्ष ।चंद्रमा को पृथ्वी की परिक्रमा पूरी करने में लगभग 354 दिन लगते हैं मगर पृथ्वी को सूर्य का एक चक्कर लगाने में 365 दिन तथा लगभग 6 घंटे लगते हैं। इसीलिए चंद्र वर्ष को सौर वर्ष में करीब 11 दिनों का अंतर पड़ता है ।यही कारण है कि इन दोनों में मेल बैठाने के लिए हर 3 साल बाद 13 7अधिमास जोड़ने की व्यवस्था की गई। sushmita

#ganesha  पहले समय में सप्ताह के सोम, मंगल वारों का प्रचलन नहीं था। एक पूर्णिमा से दूसरी पूर्णिमा तक के काल को पूर्ण मास कहते थे मास का मूल अर्थ है चांन्द्र मास यानी चंद्र को पृथ्वी का एक चक्कर पूरा करने में लगने वाला समय जो करीब 29 दिन 12 घंटे बाद 44 मिनट होता है इस चांन्द्र  मास दो पक्षों में बांटा गया है। अमावस्या से पूर्णिमा तक शुक्ल पक्ष और पूर्णिमा से अमावस्या तक कृष्ण पक्ष ।चंद्रमा को पृथ्वी की परिक्रमा पूरी करने में लगभग 354 दिन लगते हैं मगर पृथ्वी को सूर्य का एक चक्कर लगाने में 365 दिन तथा लगभग 6 घंटे लगते हैं। इसीलिए चंद्र वर्ष को सौर वर्ष में करीब 11 दिनों का अंतर पड़ता है ।यही कारण है कि इन दोनों में मेल बैठाने के लिए हर 3 साल बाद 13 7अधिमास जोड़ने की व्यवस्था की गई।
sushmita

#ganesha

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साबित करने से कई अच्छा है,जीना....है ना! sushmita

#flood  साबित करने से कई अच्छा है,जीना....है ना!

sushmita

#flood

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