कुछ यादे थी जो धुँधली होने लगी अब कुछ ख़्वाब थे जो

"कुछ यादे थी जो धुँधली होने लगी अब कुछ ख़्वाब थे जो सिमट लिए है अब अब सूखे फूलों से हमें इश्क़ की महेक नही आती तेरे नाम से भी दूर रहने लगें अब ©Mishty Ahir"

 कुछ यादे थी जो 
धुँधली होने लगी अब
कुछ ख़्वाब थे जो
सिमट लिए है अब
अब सूखे फूलों से 
हमें इश्क़ की महेक नही आती
तेरे नाम से भी दूर रहने लगें अब

©Mishty Ahir

कुछ यादे थी जो धुँधली होने लगी अब कुछ ख़्वाब थे जो सिमट लिए है अब अब सूखे फूलों से हमें इश्क़ की महेक नही आती तेरे नाम से भी दूर रहने लगें अब ©Mishty Ahir

#soor_wordss

#Rose

People who shared love close

More like this

Trending Topic