Mishty Ahir

Mishty Ahir Lives in Gandhidham, Gujarat, India

जब खुद से मिली तब एक नज़्म बनी

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हर किसी ने पढ़े है अल्फ़ाज़ मेरे तुम मेरे जज़्बात समझना कान्हा _Soor ©Mishty Ahir

#janmaashtami #Krishna  हर किसी ने पढ़े है अल्फ़ाज़ मेरे
तुम मेरे जज़्बात समझना कान्हा
 _Soor

©Mishty Ahir

किससे करू फ़रियाद जब मेरा बोलना भी गुनाह हो किस बात की करू आस जब तेरा होना भी ख़्वाब हो _Soor ©Mishty Ahir

#Thinking  किससे करू फ़रियाद 
जब मेरा बोलना भी गुनाह हो
किस बात की करू आस
जब तेरा होना भी ख़्वाब हो
_Soor

©Mishty Ahir

#Thinking

13 Love

काश! तुझे मेरा होने में इतना वक़्त ना लगता तो आज मुझमे कुछ मुजसा भी रहे जाता _Soor ©Mishty Ahir

#soor_wordss  काश! तुझे मेरा होने में 
इतना वक़्त ना लगता
तो आज मुझमे कुछ 
मुजसा भी रहे जाता
_Soor

©Mishty Ahir

#soor_wordss #Thoughts

11 Love

नये ख्वाब नये अल्फ़ाज़ नई लगने लगी अब राह जिंदगी की एक छोटी सी जान बड़े बड़े अरमान मानो अब बदल गई है मंजिल मेरी _Soor ©Mishty Ahir

#soor_wordss #motherlove #Quotes  नये ख्वाब नये अल्फ़ाज़
नई लगने लगी अब राह जिंदगी की
एक छोटी सी जान 
बड़े बड़े अरमान 
मानो अब बदल गई है मंजिल मेरी
_Soor

©Mishty Ahir

कुछ यादे थी जो धुँधली होने लगी अब कुछ ख़्वाब थे जो सिमट लिए है अब अब सूखे फूलों से हमें इश्क़ की महेक नही आती तेरे नाम से भी दूर रहने लगें अब ©Mishty Ahir

#soor_wordss #Rose  कुछ यादे थी जो 
धुँधली होने लगी अब
कुछ ख़्वाब थे जो
सिमट लिए है अब
अब सूखे फूलों से 
हमें इश्क़ की महेक नही आती
तेरे नाम से भी दूर रहने लगें अब

©Mishty Ahir

मुजे सुबह की किरणों से नही रात के सन्नाटों से इश्क़ है उगता हुआ सूरज नही ढलती शाम पसंद है मुजसे मिलने इतवार सुबह नही पीर की शाम को आना _Soor ©Mishty Ahir

#soor_wordss #wetogether  मुजे सुबह की किरणों से नही
रात के सन्नाटों से इश्क़ है
उगता हुआ सूरज नही 
ढलती शाम पसंद है
मुजसे मिलने इतवार सुबह नही
पीर की शाम को आना
_Soor

©Mishty Ahir
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