कैद किया कमरे में खुद को फिर ऐसी बरसात हुई सिरहाने | हिंदी Shayari

"कैद किया कमरे में खुद को फिर ऐसी बरसात हुई सिरहाने से नदी निकल के गंगा जैसी घाट हुई..!! ©Error"

 कैद किया कमरे में खुद को फिर ऐसी बरसात हुई सिरहाने से नदी निकल के गंगा जैसी घाट हुई..!!

©Error

कैद किया कमरे में खुद को फिर ऐसी बरसात हुई सिरहाने से नदी निकल के गंगा जैसी घाट हुई..!! ©Error

#leaf

People who shared love close

More like this

Trending Topic