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कैद किया कमरे में खुद को फिर ऐसी बरसात हुई सिरहाने से नदी निकल के गंगा जैसी घाट हुई..!! ©Error
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13 Love
White दुर्गम डगर हो या सरल रास्ते चलने वालों की जीत हुई पथ के कांट देख सहम जाएं ये भी कोई बात हुई अंधकार हो चाहे जितना हमे डरा दे ऐसी कोई रात नही जिक्र दिया है कर ही अगर तो कर्ण पट्ट को खोल सुनो या तो हर स्वीकार करो या हाथों में तलवार धरो गर यकीन हो खुद पर तुम को तनिक ठहर के सांस भरो फिर गर्जन कर के निकल पड़ो और दरिया को पर करो।। ©Error
15 Love
White सोचता हूं कब मिलूंगा मैं खुद से मैं क्या था,और क्यू बदलना पड़ा ©Error
12 Love
अगले जनम से उधार देदे ऐ जिंदगी मैं फिर से उसी स्कूल जाना चाहता हूं जहां जाने से मैं डरता था।। ©Error
11 Love
White गली चाहे इश्क की हो,या बनारस की गुरु अगर फस गए तो निकलना मुस्किल होगा सोच लो।। 🌹🌹....🥰🥰 ©Error
14 Love
White वक्त के साथ लोग खुद को भूल जाते हैं यकीं ना हो तो"गुरु" खुद को देख लो।। 😔 हमे क्या कोई खाक याद रखता... ©Error
10 Love
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