कुछ सहमा सहमा बदला सा तेरी आंगन की हवाओं का रुख है | हिंदी Shayari

"कुछ सहमा सहमा बदला सा तेरी आंगन की हवाओं का रुख है। यू ना झलका जाम अदाओं का ये दिल बड़ा नाजुक है। जब जुल्फें तेरी टकराती है हवाओं से मानो सीने पर वार करता कोई चाबुक है। ©Dr Ravi Lamba"

 कुछ सहमा सहमा बदला सा तेरी आंगन की हवाओं का रुख है।
यू ना झलका जाम अदाओं का ये दिल बड़ा नाजुक है।
जब जुल्फें तेरी टकराती है हवाओं से 
मानो सीने पर वार करता कोई चाबुक है।

©Dr Ravi Lamba

कुछ सहमा सहमा बदला सा तेरी आंगन की हवाओं का रुख है। यू ना झलका जाम अदाओं का ये दिल बड़ा नाजुक है। जब जुल्फें तेरी टकराती है हवाओं से मानो सीने पर वार करता कोई चाबुक है। ©Dr Ravi Lamba

People who shared love close

More like this

Trending Topic