White महिलाओं का मूल भाव मातृत्व का है ।
वो चाहें कितनी भी अप्सरा सी दिखें
दिल से हर महिला एक 'माँ' है ।
वह 'माँ' सिर्फ अपने बच्चे के लिए ही नहीं है ।
वो हर एक लाचार में अपनी औलाद को देखती है ।
दुनिया के हर छोटे मोटे दुःख को एक महिला
दस गुणा महसूस करती है क्योंकि वह
स्वतः ही कल्पना कर बैठती है कि
अगर यह मेरे बेटे या बेटी के साथ हो जाता तो ?
इस कल्पना मात्र से ही उसकी रूह सिहर उठती है ।
वो रो पड़ती है ।
और......
दुनिया को लगता है कि महिला कमजोर है ।
"हे , विश्व के भ्रमित मर्दो !
औरत दिल से कमजोर नहीं होती , वो तो बस 'माँ' होती है..!!
*Adarsh*
.
.
.
©Gautam ADARSH Mishra
#hindi_poem_appreciation