Gautam ADARSH Mishra

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White वो स्त्री है, कुछ भी कर सकती है। लोग इसे हास्य रुप में कहते है मैं कहता हूं हां वो बिल्कुल कर सकती है क्योंकि मैंने देखा है एक मां को अपने सपने को भूलते हुए अपने बच्चों के लिए मैंने देखा है एक पत्नी को अपने पति के लिए कामयाबी की कामना करते हुए मैंने देखा है एक बहन को अपने भाई के हाथ में रक्षा सूत्र बांधते हुए मैंने देखा है एक बेटी को अपने फैसले छोड़ते हुए अपने माता-पिता के लिए देखा है, एक स्त्री को कुछ भी करते हुए अपने परिवार के लिए -हां वो स्त्री है ।।वो कुछ भी कर सकती है ।। @Say Adarsh ©Gautam ADARSH Mishra

#विचार #thought  White  वो स्त्री है, कुछ भी कर सकती है।
लोग इसे हास्य रुप में कहते है 

मैं कहता हूं 
हां वो बिल्कुल कर सकती है
क्योंकि मैंने देखा है एक मां को
अपने सपने को भूलते हुए
अपने बच्चों के लिए

मैंने देखा है एक पत्नी को 
अपने पति के लिए 
कामयाबी की कामना करते हुए

मैंने देखा है एक बहन को
अपने भाई के हाथ में 
रक्षा सूत्र बांधते हुए

मैंने देखा है एक बेटी को 
अपने फैसले छोड़ते हुए 
अपने माता-पिता के लिए 

देखा है, एक स्त्री को 
कुछ भी करते हुए 
अपने परिवार के लिए 

-हां वो स्त्री है 
।।वो कुछ भी कर सकती है ।।
              @Say Adarsh

©Gautam ADARSH Mishra

#thought

14 Love

White अंतिम समय में जब कोई नहीं जाएगा साथ एक वृक्ष जाएगा साथ मेरे अपनी गौरैयो और गिलहरियों से बिछड़कर एक वृक्ष जाएगा मुझसे पहले वही करेगा अग्नि मे प्रवेश कितनी लकड़ी लगेगी यह पता नहीं कहते हैं कम से कम सात मन तो लगेगी ही मतलब अभी मुझे वृक्ष लगाना चाहिए सात मन लकड़ी के लिए मतलब तुम्हें, उसे और सब को वृक्ष लगाना चाहिए सात मन लकड़ी के लिए।। चलो फिर इस बरसात वृक्ष लगाओ। ©Gautam ADARSH Mishra

#मोटिवेशनल #short_shyari  White अंतिम समय में जब कोई नहीं जाएगा साथ 
एक वृक्ष जाएगा साथ मेरे 
अपनी गौरैयो और गिलहरियों से बिछड़कर
एक वृक्ष जाएगा 
मुझसे पहले वही करेगा अग्नि मे प्रवेश

कितनी लकड़ी लगेगी यह पता नहीं 

कहते हैं कम से कम सात मन तो लगेगी ही
मतलब अभी मुझे वृक्ष लगाना चाहिए 
सात मन लकड़ी के लिए 

मतलब तुम्हें, उसे और सब को 
वृक्ष लगाना चाहिए 
सात मन लकड़ी के लिए।।

चलो फिर 
इस बरसात वृक्ष लगाओ।

©Gautam ADARSH Mishra
#मोटिवेशनल  हारे हुए लोग कहाँ जायेंगे ? ? 
हारे हुए लोगों के लिए कौन दुनिया बसाएगा ? 
उन पराजित योद्धाओं के लिए ,
तमाम शिकस्त खाए लोगों के लिए।
प्रेम में टूटे हुए लोग,
सारी जिंदगी को कहीं दांव लगाकर हारे हुए लोग 
थके-हारे लोग, गुमनाम लोग
एक असफल लेखक
मैच हार गया खिलाड़ी
इंटरव्यू से वापस लौटा युवा
और ऐसे तमाम लोग
जिन्हें पता था कि वे सफल हो सकते हैं
मगर उन्होंने असफलताओं से भरा रास्ता चुना,
वो लोग जिन्होंने
हमेशा गलत राह पर चलने का जोखिम उठाया
वो लोग जिन्होंने
गलत लोगों पर भरोसा किया
वो जिन्होंने
चोट खाई, धोखा खाया, ठोकर खाई
गिरे और धूल झाड़कर खड़े हुए
वे कहां जाएंगे ?
हारे हुए लोगों के लिए कोई जगह नहीं है
न किसी घर में, न समाज में, न किसी देश में।
क्या जो विजेता थे 
वो इनसे बेहतर हैं?
शायद बेहतर थे। 

जो हारा आखिर वो भी एक नायक था।
एक पराजित नायक के दर्द को 
कौन समझना चाहेगा?

©Gautam ADARSH Mishra

हारे हुए लोग कहाँ जायेंगे ? ? हारे हुए लोगों के लिए कौन दुनिया बसाएगा ? उन पराजित योद्धाओं के लिए , तमाम शिकस्त खाए लोगों के लिए। प्रेम में टूटे हुए लोग, सारी जिंदगी को कहीं दांव लगाकर हारे हुए लोग थके-हारे लोग, गुमनाम लोग एक असफल लेखक मैच हार गया खिलाड़ी इंटरव्यू से वापस लौटा युवा और ऐसे तमाम लोग जिन्हें पता था कि वे सफल हो सकते हैं मगर उन्होंने असफलताओं से भरा रास्ता चुना, वो लोग जिन्होंने हमेशा गलत राह पर चलने का जोखिम उठाया वो लोग जिन्होंने गलत लोगों पर भरोसा किया वो जिन्होंने चोट खाई, धोखा खाया, ठोकर खाई गिरे और धूल झाड़कर खड़े हुए वे कहां जाएंगे ? हारे हुए लोगों के लिए कोई जगह नहीं है न किसी घर में, न समाज में, न किसी देश में। क्या जो विजेता थे वो इनसे बेहतर हैं? शायद बेहतर थे। जो हारा आखिर वो भी एक नायक था। एक पराजित नायक के दर्द को कौन समझना चाहेगा? ©Gautam ADARSH Mishra

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#लव #Prem  Vishnu Bhagwan प्रेम और मोह

मन भर जाए  'वो मोह'
मन भर आए  'वो प्रेम'
आकर्षण है तो 'वो मोह'
समर्पण है  तो 'वो प्रेम'
सुंदरता है 'वो मोह'
सहजता है 'वो प्रेम'
@Unkahe alfaz

©Gautam ADARSH Mishra

#Prem

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ईश्वर ने मर्द और औरत में फर्क बहुत कम दिया है और समानताएं ज्यादा, फर्क सिर्फ प्रजनन का है बाकी ईश्वर ने कभी नहीं बताया कि कौन कमाएगा और कौन खाना बनाएगा । तो क्या समाज ईश्वर से बड़ा हो गया ? ©Gautam ADARSH Mishra

#विचार #udaan  ईश्वर ने मर्द और औरत में 
फर्क बहुत कम दिया है 
और समानताएं ज्यादा,

फर्क सिर्फ प्रजनन का है 
बाकी ईश्वर ने कभी नहीं बताया 
कि कौन कमाएगा और कौन 
खाना बनाएगा ।

तो क्या समाज ईश्वर से बड़ा हो गया  ?

©Gautam ADARSH Mishra

#udaan

12 Love

White महिलाओं का मूल भाव मातृत्व का है । वो चाहें कितनी भी अप्सरा सी दिखें दिल से हर महिला एक 'माँ' है । वह 'माँ' सिर्फ अपने बच्चे के लिए ही नहीं है । वो हर एक लाचार में अपनी औलाद को देखती है । दुनिया के हर छोटे मोटे दुःख को एक महिला दस गुणा महसूस करती है क्योंकि वह स्वतः ही कल्पना कर बैठती है कि अगर यह मेरे बेटे या बेटी के साथ हो जाता तो ? इस कल्पना मात्र से ही उसकी रूह सिहर उठती है । वो रो पड़ती है । और...... दुनिया को लगता है कि महिला कमजोर है । "हे , विश्व के भ्रमित मर्दो ! औरत दिल से कमजोर नहीं होती , वो तो बस 'माँ' होती है..!! *Adarsh* . . . ©Gautam ADARSH Mishra

#hindi_poem_appreciation #विचार  White  महिलाओं का मूल भाव मातृत्व का है ।
 वो चाहें कितनी भी अप्सरा सी दिखें
 दिल से हर महिला एक 'माँ' है ।
 वह 'माँ' सिर्फ अपने बच्चे के लिए ही नहीं है ।
वो हर एक लाचार में अपनी औलाद को देखती है । 

दुनिया के हर छोटे मोटे दुःख को एक महिला
 दस गुणा महसूस करती है क्योंकि वह
स्वतः ही कल्पना कर बैठती है कि
 अगर यह मेरे बेटे या बेटी के साथ हो जाता तो ?
 इस कल्पना मात्र से ही उसकी रूह सिहर उठती है ।
वो रो पड़ती है ।
और......
दुनिया को लगता है कि महिला कमजोर है । 

 "हे , विश्व के भ्रमित मर्दो !
औरत दिल से कमजोर नहीं होती , वो तो बस 'माँ' होती है..!!
                           *Adarsh*

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©Gautam ADARSH Mishra
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