सब जिस्म है किराए के सब किरदार बन आए हैं
सब को यहां हैं धौंस को घरौंदे उन्होंने बनाएं हैं
एक दिन सब राख होना ही हैं पर इस का रंज हैं किसे
सबने यहां पर लाख के अपने महल बनाएं हैं
पर जिस दिन मरेगा तू उस रोज को क्या होगा
जो धौस हैं तुम्हारी उस धौंस का क्या होगा
मौत तो आनी जानी हैं एक रोज आएगी ही
तो सोच ले तू खुद उस रोज को क्या होगा
मरने को तेरे लोग सब यहां पर पास फिराए हैं
कुछ नोच खाने को तुझे तैयार हो आए हैं
पर मौत तो उसकी है जिसका अफसोस जमाना करें
वरना तो सभी लोग यहां मरने को ही आए हैं
©Ankur tiwari
#SAD
सब जिस्म है किराए के सब किरदार बन आए हैं
सब को यहां हैं धौंस को घरौंदे उन्होंने बनाएं हैं
एक दिन सब राख होना ही हैं पर इस का रंज हैं किसे
सबने यहां पर लाख के अपने महल बनाएं हैं
पर जिस दिन मरेगा तू उस रोज को क्या होगा
जो धौस हैं तुम्हारी उस धौंस का क्या होगा
मौत तो आनी जानी हैं एक रोज आएगी ही