मां
मां कोई शब्द नहीं
मां कोई कहानी नहीं जिसे लिख दिया जाए
मां कोई कविता नहीं जो पढ़ ली जाए
मां वो जस्बात है जो बस महसूस किया जा सकता है
मां सुबह की पहली धूप है
मां परमात्मा का दूसरा रूप है
रात के अंधेरे में
प्यारी चांदनी है मां
तेज धूप में
ठंडी छांव है मां
उस खुदा का देखा हुआ
सच ख्वाब है मां
और क्या कहूं मैं
मेरे हर सवाल का जवाब है मां
love you maa
©ROSHNI
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