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एहसासों को समेट कुछ भावों को लिए।। कुछ बयां कर कुछ पन्नो को लिए।।। कलम की स्याही से लिखकर।। उन्हें 1 माला में पिरो देना।। ।।।ये है कविता।।। "कविता" जाने कितने दिलो का भाव समेटे है "कविता" जाने कितनी सदियों से, कितने ही प्रेम बंधनों की ढाल बनी है।। कविता।। ना जाने कितने विरक्त हृदय का मान बनी है कविता।। किसी ने कुछ न कह कर भी बहुत कुछ कहा कविता में।। 1 साहित्यकार के ह्रदय का दर्पण है "कविता" ©ROSHNI

#कविता #WorldPoetryDay  एहसासों को समेट कुछ भावों को लिए।।
कुछ  बयां कर कुछ पन्नो को लिए।।।
कलम की स्याही से लिखकर।।
उन्हें 1 माला में पिरो देना।।
।।।ये है कविता।।।
    "कविता"
जाने कितने दिलो का भाव समेटे है
    "कविता"
जाने कितनी सदियों से,
कितने ही प्रेम बंधनों की ढाल बनी है।।
कविता।।
ना जाने कितने विरक्त हृदय का मान
बनी है कविता।।
किसी ने कुछ न कह कर भी बहुत कुछ कहा 
   कविता में।।
1 साहित्यकार के ह्रदय का दर्पण है
             "कविता"

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मनुष्य का निरंतर प्रयास रहा है "खोजना" वह खोजता है जन्म लेते ही मां के आंचल को, मृत्यु शय्या पर अपनी सांसों को।।। वह खोजता है अपने पूरे जीवन में जिंदगी को।।। प्रेम में पूर्णता को।। वह खोजता है अंधकार में उजाले को वर्तमान में भविष्य को।।। ये जानते हुए कि सांसों को खत्म होना ही है प्रेम खुद में पूर्ण है उजाले को आना ही है भविष्य जो कल वर्तमान ही था।। परंतु मनुष्य खोजता ही है।। ©ROSHNI

#पोएट्री  मनुष्य का निरंतर प्रयास रहा है
         "खोजना"

वह खोजता है
जन्म लेते ही मां के आंचल को,
मृत्यु शय्या पर अपनी सांसों को।।।

वह खोजता है
अपने पूरे जीवन में
जिंदगी को।।।

प्रेम में पूर्णता को।।

वह खोजता है 
अंधकार में उजाले को
वर्तमान में भविष्य को।।।

ये जानते हुए कि
सांसों को खत्म होना ही है
प्रेम खुद में पूर्ण है
उजाले को आना ही है
भविष्य जो कल वर्तमान ही था।।

परंतु मनुष्य खोजता ही है।।

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# थॉट्स #पोएट्री

8 Love

तुम्हे किसी ऐसी डोर से जोड़ कर रख पाना मुश्किल है जिसके एक किनारे पर में तो हूं पर दूसरे किनारे पर तुम नहीं।।❤️ ©ROSHNI

 तुम्हे किसी ऐसी डोर से जोड़ कर रख पाना मुश्किल है
जिसके एक किनारे पर में तो हूं 
पर दूसरे किनारे पर तुम नहीं।।❤️

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तुम्हे किसी ऐसी डोर से जोड़ कर रख पाना मुश्किल है जिसके एक किनारे पर में तो हूं पर दूसरे किनारे पर तुम नहीं।।❤️ ©ROSHNI

10 Love

जब तुम्हे में खामोश देखती हूं तुम्हे कुछ खयालों में गुम देखती हूं लगता है कुछ तो है चुप उन आंखों में जिन्हे कभी में नम देखती हूं क्या कही मेरा अक्श छुपा रखा है क्या अपने दिल के कोने में कही मुझे तुमने छुपा रखा है और क्या कभी ख्याल मेरा भी तुम्हे आता होगा मै यही सोचती हूं जब तुम्हे खामोश देखती हूं क्यों कहते नहीं तुम कुछ ,अपने अल्फाज बयां करते नहीं तुम में कुछ तो अपने लिए कम देखती हूं जब तुम्हे खामोशी से खयालों में गुम देखती हूं।।। ©ROSHNI

#पोएट्री #शायरी  जब तुम्हे में खामोश देखती हूं
तुम्हे कुछ खयालों में गुम देखती हूं
लगता है कुछ तो है चुप उन आंखों में
जिन्हे कभी में नम देखती हूं
क्या कही मेरा अक्श छुपा रखा है
क्या अपने दिल के कोने में कही
मुझे तुमने छुपा रखा है
और क्या कभी ख्याल मेरा भी 
तुम्हे आता होगा
मै यही सोचती हूं
जब तुम्हे खामोश देखती हूं
क्यों कहते नहीं तुम कुछ
,अपने अल्फाज बयां करते नहीं
तुम में कुछ तो अपने लिए कम देखती हूं
जब तुम्हे खामोशी से खयालों में गुम देखती हूं।।।

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जब अपने अपने ना लगे जब घर पराया लगने लगे ओर जब ज़िन्दगी भी ज़िन्दगी न लगे।। फिर भी इस बोझ को हम अपने सर रख कर आगे बढ़ते जाते है।। पर ऐसा होता क्यों है हम किस सफर में चले जाते है जहां अपने ही खो जाते है प्यार परवाह ओर मुस्कुराता हुआ चेहरा सब कहा गुम हो जाते है खुशी में खुशी से ज्यादा दर्द होता है सब होते है फिर भी ज़िन्दगी में कुछ कम होता है पर फिर भी हम यूं ही चलते जाते है ना जाने किस मंजिल को पाना चाहते है खामोशी भरी राह ओर उसमे गुमनाम मुसाफिर से हम क्यों चलते जाते है ना जाने ये अजनबी रास्ते कहा ले जाते हैं।। ज़िन्दगी के सफ़र में हम भी गुमनाम मुसाफिर बन जाते है अकेले ही पता नहीं क्यों चलते जाते है... ना जाने क्यों हम खुद को खो कर क्या पाना चाहते है! और अपनों से फिर दूर हो जाते है ।। हम ना जाने क्या पाना चाहते है कभी अपनों से कभी गैरो से कभी खुद से ही लड़ते जाते है।। क्या है ये जिसे हम समझ नहीं पाते हैं या समझना नहीं चाहते है?? ©ROSHNI

#अपनें #लाइफ  जब अपने अपने ना लगे जब घर पराया लगने लगे ओर जब ज़िन्दगी भी ज़िन्दगी न लगे।।
फिर भी इस बोझ को हम अपने सर रख कर
आगे बढ़ते जाते है।।
पर ऐसा  होता क्यों है
हम किस सफर में चले जाते है
जहां अपने ही खो जाते है
प्यार परवाह ओर मुस्कुराता हुआ चेहरा
सब कहा गुम हो जाते है
खुशी में खुशी से ज्यादा दर्द होता है
सब होते है फिर भी ज़िन्दगी में कुछ कम होता है
पर फिर भी हम यूं ही चलते जाते है 
ना जाने किस मंजिल को पाना चाहते है
खामोशी भरी राह ओर उसमे गुमनाम मुसाफिर से
हम क्यों चलते जाते है
ना जाने ये अजनबी रास्ते कहा ले जाते हैं।।
ज़िन्दगी के सफ़र में हम भी गुमनाम मुसाफिर बन जाते है
अकेले ही पता नहीं क्यों चलते जाते है...
ना जाने क्यों हम खुद को खो कर 
क्या पाना चाहते है!
और अपनों से फिर दूर हो जाते है ।।
हम ना जाने क्या पाना चाहते है
कभी अपनों से कभी गैरो से 
कभी खुद से ही लड़ते जाते है।।
क्या है ये जिसे हम समझ नहीं पाते हैं
या समझना नहीं चाहते है??

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ना जाने हम कहा जाना चाहते है #लाइफ #अपनें # Jiyalal Meena Dr. Sonia shastri Ayesha Aarya Singh Neha mallhotra Anand Pandey

5 Love

मां मां कोई शब्द नहीं मां कोई कहानी नहीं जिसे लिख दिया जाए मां कोई कविता नहीं जो पढ़ ली जाए मां वो जस्बात है जो बस महसूस किया जा सकता है मां सुबह की पहली धूप है मां परमात्मा का दूसरा रूप है रात के अंधेरे में प्यारी चांदनी है मां तेज धूप में ठंडी छांव है मां उस खुदा का देखा हुआ सच ख्वाब है मां और क्या कहूं मैं मेरे हर सवाल का जवाब है मां love you maa ©ROSHNI

#MothersDay2021  मां
मां कोई शब्द नहीं 
मां कोई कहानी नहीं जिसे लिख दिया जाए
मां कोई कविता नहीं जो पढ़ ली जाए
मां वो जस्बात है जो बस महसूस किया जा सकता है

मां सुबह की पहली धूप है
मां परमात्मा का दूसरा रूप है
रात के अंधेरे में
प्यारी चांदनी है मां
तेज धूप में
ठंडी छांव है मां
उस खुदा का देखा हुआ
सच ख्वाब है मां
और क्या कहूं मैं
मेरे हर सवाल का जवाब है मां
love you maa

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