आदमी के साथ साथ कमाती रही मजदूरी हो या किसी ऑफिस का काम हों
लेकिन हमारे आदमी इतना ही सुनना चाहते है कि मैं ही कमाता हू त्याग करता हूं, फिर जब घर परिवार कहते है हमारे पिता ही कमाते है और अपने लिए कुछ नही लेते तो क्या ये त्याग माएं नहीं करती?
आदमी केवल कमाने जाता है, औरते पहले बच्चे बूढ़े सबका नाश्ता खाना पानी कपड़े झाड़ू पोंछा करके फिर जाती है और आकर फिर अकेले करती हैं जिस कारण तुम घर को घर कह पाते हो
फिर भी परिवार और आदमी को लगता है इसमें कौनसी बड़ी बात है,
इतनी ही छोटी बात है तो खुद किया करो।