White में मोबाइल का शायर हुं
यारो मुझको
तुम आशिक बीमार
न समझना यारो
में तो यूं ही मुफालिशी
में लिखता हूं शायरी
ये पैगाम मोहब्बत ना समझ लेना यारो
में गुमनाम हुं शायद
मुझको महफिल की
जान न समझ लेना यारो
©Poet Kuldeep Singh Ruhela
में मोबाइल का शायर हुं
यारो मुझको
तुम आशिक बीमार
न समझना यारो
में तो यूं ही मुफालिशी
में लिखता हूं शायरी
ये पैगाम मोहब्बत ना समझ लेना यारो
में गुमनाम हुं शायद