"प्यार बेशुमार है तो हम खोजते क्यों ?
प्यार रास्ता है तो हम भटके क्यों ?
प्यार खुशियां है तो उनके आंखों में आंसू क्यों ?
प्यार आजादी है तो वह कैदी क्यों ?
प्यार दृढ़ता है तो घृणा क्यों ?
प्यार हकीकत है तो छल क्यों ?
और हमसे भी बढ़कर कोई और है
तो हम क्यों ????
- मंजूश्री माटे
©Manju Mate"