Life Like हर आंसू, हर दर्द का मोल | हिंदी विचार

"Life Like हर आंसू, हर दर्द का मोल चुकाते चलना, बन चंदन हर उपवन को, महकाते चलना। घोर निशा के अंधियारे में, तारो ने कब हार मान ली, निस्तब्ध रात्रि की नीरवता में, जीवन राग सुनाते चलना दफन हुए जो बीज, धरा के भूषण बनते, तपे हुए जो स्वर्ण, वहीं आभूषण बनते। पतझड़ को आने दो उसमें, नव जीवन का प्राण निहित हैं। कांटों में ही फूल खिलेंगे, बागों को बतलाते चलना। रोज चिताऐ जलती रहती, जीवन ने कब हार मान ली, कुछ कलियों के मर जाने से,मधुवन ने कब हार मान ली। राहों में हर पग पग पर,जीवन संगीत सुनाते चलना, हर पग पग पर राहों में,हरदम अलख जगाते चलना। ©Manish ghazipuri"

 Life Like हर    आंसू,    हर    दर्द    का    मोल   चुकाते  चलना,
बन      चंदन     हर    उपवन    को,   महकाते   चलना।
घोर  निशा  के  अंधियारे  में, तारो  ने  कब  हार मान ली,
निस्तब्ध रात्रि की नीरवता में, जीवन राग सुनाते चलना

दफन     हुए    जो     बीज,   धरा    के   भूषण बनते,
तपे      हुए    जो      स्वर्ण,    वहीं     आभूषण बनते।
पतझड़  को  आने दो उसमें, नव जीवन का प्राण निहित हैं।
कांटों  में  ही   फूल   खिलेंगे,  बागों  को  बतलाते चलना।

रोज  चिताऐ  जलती  रहती, जीवन  ने  कब  हार मान ली,
कुछ  कलियों  के  मर जाने से,मधुवन ने कब हार मान ली।
राहों   में   हर   पग  पग  पर,जीवन संगीत सुनाते चलना,
हर   पग   पग  पर  राहों में,हरदम अलख जगाते चलना।

©Manish ghazipuri

Life Like हर आंसू, हर दर्द का मोल चुकाते चलना, बन चंदन हर उपवन को, महकाते चलना। घोर निशा के अंधियारे में, तारो ने कब हार मान ली, निस्तब्ध रात्रि की नीरवता में, जीवन राग सुनाते चलना दफन हुए जो बीज, धरा के भूषण बनते, तपे हुए जो स्वर्ण, वहीं आभूषण बनते। पतझड़ को आने दो उसमें, नव जीवन का प्राण निहित हैं। कांटों में ही फूल खिलेंगे, बागों को बतलाते चलना। रोज चिताऐ जलती रहती, जीवन ने कब हार मान ली, कुछ कलियों के मर जाने से,मधुवन ने कब हार मान ली। राहों में हर पग पग पर,जीवन संगीत सुनाते चलना, हर पग पग पर राहों में,हरदम अलख जगाते चलना। ©Manish ghazipuri

#Lifelike dard

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