अमोलक सी इन पुस्तकों का मोल
क्या हीं कर सकेंगे ये लेवल्ड प्राइस........
वर्षो का मौन,
प्रतिक्षा,अकथित अनुभव,संघर्ष,
परिवर्तन, प्रतिरूपण,
और न जाने कितने ही
भावो-अनुभावों का अंकन.......
यह कभी बिकने के लिए नही निकलती,
ये निकलती है डायरी के पृष्ठों से उस माध्यम तक....
ताकि पढ़े इसकी अनुभूतियां
कोई..पहुंच सके
किसी के हृदय तक......बस वही एक
इच्छा लिए चल पड़ती है अपनी यात्रा पर 😊🙏🏻
@पुष्पवृतियां
©Pushpvritiya
#Books