White
यहां -वहां,,,,इधर - उधर मिल ही जाएंगे ,,,कई किस्मों के भूखे,
,
प्यास पानी से नही बुझती ,,तलब शराब की नही रखते ,
,
सब्र रखते है कमाल का ,,,उफ्फ ये जिस्मों के भूखे ।।
©#शून्य राणा
#sad_shayari शब्दरत्न कवि सम्मेलन जनकवि शंकर पाल( बुन्देली) आजाद मुसाफ़िर बादल सिंह 'कलमगार' @The.pain_writer