तुम हो तो सुकून है तेरा निश्चल प्रेम मुझे ताक़त

"तुम हो तो सुकून है तेरा निश्चल प्रेम मुझे ताक़त देता है सपनों को बुनने की उन्हें संवारने और साकार करने की ऐसा नहीं है कि मैं पहली बार प्रेम में पड़ा हूँ ये पहले भी हो चुका है ये क़समें ये वादे सब दोहरा सा रहा रहा हूँ शायद तुम भी सब दोहरा रही हो मेरे लिये प्रेमिका मात्र नहीं हो तुम छाँव हो स्नेह की मार्गदर्शिका हो जीवन की उम्मीद हो कल सुबह जगने की सुना है सच्ची प्रेमिका वही होती है जिसमें माँ का ममत्व भी झलकता हो हाँ सच कहूँ तुम वही हो तुम वही हो हम जानते हैं अधूरे रह जाएँगे हमारे अनगिनत ख़्वाब फिर भी हम रोज़ बुनते हैं एक नया ख़्वाब मिलकर हंसते हुए मुस्कुराते हुये हम ले आते हैं आँखों में दो बूँद आंसुओं के और फिर पोंछ लेते हैं उन्हें खिलखिला कर हंसते हुए ये कहकर - ऐ पगलू ऐसा नहीं करते ©अज्ञेय गोलू"

 तुम हो तो सुकून है

तेरा निश्चल प्रेम 
मुझे ताक़त देता है 
सपनों को बुनने की
उन्हें संवारने और 
साकार करने की

ऐसा नहीं है कि 
मैं पहली बार प्रेम में पड़ा हूँ 
ये पहले भी हो चुका है 
ये क़समें ये वादे 
सब दोहरा सा रहा रहा हूँ 
शायद तुम भी सब दोहरा रही हो 

मेरे लिये प्रेमिका मात्र नहीं हो तुम 
छाँव हो स्नेह की 
मार्गदर्शिका हो जीवन की 
उम्मीद हो कल सुबह जगने की 

सुना है सच्ची प्रेमिका वही होती है 
जिसमें माँ का ममत्व भी झलकता हो 
हाँ सच कहूँ 
तुम वही हो तुम वही हो 

हम जानते हैं अधूरे रह जाएँगे 
हमारे अनगिनत ख़्वाब 
फिर भी हम रोज़ बुनते हैं 
एक नया ख़्वाब मिलकर 

हंसते हुए मुस्कुराते हुये 
हम ले आते हैं आँखों में 
दो बूँद आंसुओं के 
और फिर पोंछ लेते हैं 
उन्हें खिलखिला कर हंसते हुए 
ये कहकर - ऐ पगलू ऐसा नहीं करते

©अज्ञेय गोलू

तुम हो तो सुकून है तेरा निश्चल प्रेम मुझे ताक़त देता है सपनों को बुनने की उन्हें संवारने और साकार करने की ऐसा नहीं है कि मैं पहली बार प्रेम में पड़ा हूँ ये पहले भी हो चुका है ये क़समें ये वादे सब दोहरा सा रहा रहा हूँ शायद तुम भी सब दोहरा रही हो मेरे लिये प्रेमिका मात्र नहीं हो तुम छाँव हो स्नेह की मार्गदर्शिका हो जीवन की उम्मीद हो कल सुबह जगने की सुना है सच्ची प्रेमिका वही होती है जिसमें माँ का ममत्व भी झलकता हो हाँ सच कहूँ तुम वही हो तुम वही हो हम जानते हैं अधूरे रह जाएँगे हमारे अनगिनत ख़्वाब फिर भी हम रोज़ बुनते हैं एक नया ख़्वाब मिलकर हंसते हुए मुस्कुराते हुये हम ले आते हैं आँखों में दो बूँद आंसुओं के और फिर पोंछ लेते हैं उन्हें खिलखिला कर हंसते हुए ये कहकर - ऐ पगलू ऐसा नहीं करते ©अज्ञेय गोलू

People who shared love close

More like this

Trending Topic