अज्ञेय गोलू

अज्ञेय गोलू Lives in Menhdawal, Uttar Pradesh, India

डिलीट जितना तेजी से होता है उतनी तेजी से डाऊनलोड नही होता। क्योंकि समय सर्जन में ही लगता है, विसर्जन में नही। चाहे वो कोई एप्लिकेशन हो या फिर रिश्ते...

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मैं अरण्य में गुंजते उस ध्वनि की तरह हूँ, जिसे न कोई सुनता है, न कोई समझता है, और न ही कोई मानता है... ©अज्ञेय गोलू

 मैं अरण्य में गुंजते उस ध्वनि की तरह हूँ,
जिसे न कोई सुनता है,
न कोई समझता है,
और न ही कोई मानता है...

©अज्ञेय गोलू

मैं अरण्य में गुंजते उस ध्वनि की तरह हूँ, जिसे न कोई सुनता है, न कोई समझता है, और न ही कोई मानता है... ©अज्ञेय गोलू

8 Love

तुम हो तो सुकून है तेरा निश्चल प्रेम मुझे ताक़त देता है सपनों को बुनने की उन्हें संवारने और साकार करने की ऐसा नहीं है कि मैं पहली बार प्रेम में पड़ा हूँ ये पहले भी हो चुका है ये क़समें ये वादे सब दोहरा सा रहा रहा हूँ शायद तुम भी सब दोहरा रही हो मेरे लिये प्रेमिका मात्र नहीं हो तुम छाँव हो स्नेह की मार्गदर्शिका हो जीवन की उम्मीद हो कल सुबह जगने की सुना है सच्ची प्रेमिका वही होती है जिसमें माँ का ममत्व भी झलकता हो हाँ सच कहूँ तुम वही हो तुम वही हो हम जानते हैं अधूरे रह जाएँगे हमारे अनगिनत ख़्वाब फिर भी हम रोज़ बुनते हैं एक नया ख़्वाब मिलकर हंसते हुए मुस्कुराते हुये हम ले आते हैं आँखों में दो बूँद आंसुओं के और फिर पोंछ लेते हैं उन्हें खिलखिला कर हंसते हुए ये कहकर - ऐ पगलू ऐसा नहीं करते ©अज्ञेय गोलू

 तुम हो तो सुकून है

तेरा निश्चल प्रेम 
मुझे ताक़त देता है 
सपनों को बुनने की
उन्हें संवारने और 
साकार करने की

ऐसा नहीं है कि 
मैं पहली बार प्रेम में पड़ा हूँ 
ये पहले भी हो चुका है 
ये क़समें ये वादे 
सब दोहरा सा रहा रहा हूँ 
शायद तुम भी सब दोहरा रही हो 

मेरे लिये प्रेमिका मात्र नहीं हो तुम 
छाँव हो स्नेह की 
मार्गदर्शिका हो जीवन की 
उम्मीद हो कल सुबह जगने की 

सुना है सच्ची प्रेमिका वही होती है 
जिसमें माँ का ममत्व भी झलकता हो 
हाँ सच कहूँ 
तुम वही हो तुम वही हो 

हम जानते हैं अधूरे रह जाएँगे 
हमारे अनगिनत ख़्वाब 
फिर भी हम रोज़ बुनते हैं 
एक नया ख़्वाब मिलकर 

हंसते हुए मुस्कुराते हुये 
हम ले आते हैं आँखों में 
दो बूँद आंसुओं के 
और फिर पोंछ लेते हैं 
उन्हें खिलखिला कर हंसते हुए 
ये कहकर - ऐ पगलू ऐसा नहीं करते

©अज्ञेय गोलू

तुम हो तो सुकून है तेरा निश्चल प्रेम मुझे ताक़त देता है सपनों को बुनने की उन्हें संवारने और साकार करने की ऐसा नहीं है कि मैं पहली बार प्रेम में पड़ा हूँ ये पहले भी हो चुका है ये क़समें ये वादे सब दोहरा सा रहा रहा हूँ शायद तुम भी सब दोहरा रही हो मेरे लिये प्रेमिका मात्र नहीं हो तुम छाँव हो स्नेह की मार्गदर्शिका हो जीवन की उम्मीद हो कल सुबह जगने की सुना है सच्ची प्रेमिका वही होती है जिसमें माँ का ममत्व भी झलकता हो हाँ सच कहूँ तुम वही हो तुम वही हो हम जानते हैं अधूरे रह जाएँगे हमारे अनगिनत ख़्वाब फिर भी हम रोज़ बुनते हैं एक नया ख़्वाब मिलकर हंसते हुए मुस्कुराते हुये हम ले आते हैं आँखों में दो बूँद आंसुओं के और फिर पोंछ लेते हैं उन्हें खिलखिला कर हंसते हुए ये कहकर - ऐ पगलू ऐसा नहीं करते ©अज्ञेय गोलू

7 Love

बताओ ना, हम कैसे लगते थे... तुम्हे तो याद ही होगा मुस्कुराना मेरा... ©अज्ञेय गोलू

 बताओ ना, हम कैसे लगते थे...
तुम्हे तो याद ही होगा मुस्कुराना मेरा...

©अज्ञेय गोलू

बताओ ना, हम कैसे लगते थे... तुम्हे तो याद ही होगा मुस्कुराना मेरा... ©अज्ञेय गोलू

9 Love

हँसने की जुस्तजूँ में दबाया जो दर्द को... आँसू हमारी आँख में पत्थर के हो गए... ©अज्ञेय गोलू

 हँसने की जुस्तजूँ में दबाया जो दर्द को...
आँसू हमारी आँख में पत्थर के हो गए...

©अज्ञेय गोलू

हँसने की जुस्तजूँ में दबाया जो दर्द को... आँसू हमारी आँख में पत्थर के हो गए... ©अज्ञेय गोलू

8 Love

#MyPoetry #Feeling #myvoice

Mantri Ji मैंने हंसकर भी देख लिया, रोकर भी देख लिया... किसी को पाकर खोकर देख लिया... यारा! जिंदगी वही जी सकता है जिसने अकेले जीना सीख लिया... ©अज्ञेय गोलू

 Mantri Ji मैंने हंसकर भी देख लिया, रोकर भी देख लिया...
किसी को पाकर खोकर देख लिया...
यारा! जिंदगी वही जी सकता है 
जिसने अकेले जीना सीख लिया...

©अज्ञेय गोलू

Mantri Ji मैंने हंसकर भी देख लिया, रोकर भी देख लिया... किसी को पाकर खोकर देख लिया... यारा! जिंदगी वही जी सकता है जिसने अकेले जीना सीख लिया... ©अज्ञेय गोलू

10 Love

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