बस इतनी सी बात थी
लगता है उसका कन्या जन्म
लेना गुनाह हो गया
उस पर उसका सुन्दर होना
किसी को खल गया
थी मात - पिता की जान
वह एकलौती संतान
उनकी वह दुनिया थी
था उसकी हंसी से घर रोशन
एक वहसी से ये सहा न गया
प्रेम के नाटक का जाल उसने बिछाया
उसके सपने मात-पिता की सेवा औ कुछ बनने के थे
उसका उस प्रेम प्रणय के जाल में न आना
उसका काल बन गया
एक जलता जल वह वहसी
उस पर फेक गया
ज्यों ही उसका पुरूषत्व
होने का अहम ख़ल गया
उसका चित्कार असहनिय था
वह पीडा वह करूण पुकार
बस बात इतनी सी थी
शायद सच में उसका कन्या जन्म
लेना गुनाह था
उस पर उसका सौंदर्य
किसी को खल गया था
बस बात इतनी सी होती हैं
पर किसी की दुनिया ही
तबाह होती है
बस बात इतनी सी ..........
© Manju Rai Sharma 'Queen"
#udaasi #nojotohindi#nojotokavita#