Manju (Queen)

Manju (Queen) Lives in Mumbai, Maharashtra, India

Teacher, Thinker, Writer( jeevan ka har hissa, bus do pal ka kissa) https://www.youtube.com/channel/

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#PulwamaAttack ***फौजी की अभिलाषा *** मेरे महबूब मेरे वतन मेरी तू आन है ए वतन तुझपे कुर्बान मेरी जान औ तन मेरे महबूब मेरे वतन तेरी मिट्टी में जन्मा पला बढ़ा मैं कर्ज दार तेरा मैं शिश कटा कर भी फर्ज़ निभाऊँगा ए वतन मेरे महबूब मेरे वतन तेरा आँचल न छूने पायेगा कोई हस्ती मिट जायेगी पल में उसकी तिरंगे की आन की खातिर लहू के आखिरी कतरे तक लडेंगे हम ए वतन मेरे महबूब मेरे वतन यही अभिलाषा है आखिरी दोबारा जन्मे इसी मिट्टी में हम तेरा प्यार ऐसा मिले गुल बन के इसी मिट्टी में खिले नदिया बने ,पेड़ औ पहाड़ बने हर रूप में तेरी सुरक्षा करूँ ए वतन मेरे महबूब मेरे वतन मेरे महबूब मेरे वतन मेरी तू आन है ए वतन तुझपे कुर्बान मेरी जान औ तन मेरे महबूब मेरे वतन © Manju Rai Sharma 'Queen'

#faujikiabhilasha #कविता #PulwamaAttack #nojotokavita #nojotohindi  #PulwamaAttack ***फौजी की अभिलाषा ***

मेरे महबूब मेरे वतन 
मेरी तू आन है ए वतन 
तुझपे कुर्बान मेरी 
जान औ तन 
मेरे महबूब मेरे वतन 

तेरी मिट्टी में जन्मा 
पला बढ़ा मैं 
कर्ज दार तेरा मैं 
शिश कटा कर भी 
फर्ज़ निभाऊँगा ए वतन 
मेरे महबूब मेरे वतन 

तेरा आँचल न छूने पायेगा कोई 
हस्ती मिट जायेगी पल में उसकी 
तिरंगे की आन की खातिर 
लहू के आखिरी कतरे तक लडेंगे हम ए वतन 
मेरे महबूब मेरे वतन 

यही अभिलाषा है आखिरी 
दोबारा जन्मे इसी मिट्टी में हम 
तेरा प्यार ऐसा मिले 
गुल बन के इसी मिट्टी में खिले 
नदिया बने ,पेड़ औ पहाड़ बने 
हर रूप में तेरी सुरक्षा करूँ ए वतन 
मेरे महबूब मेरे वतन 

मेरे महबूब मेरे वतन 
मेरी तू आन है ए वतन 
तुझपे कुर्बान मेरी 
जान औ तन 
मेरे महबूब मेरे वतन 

© Manju Rai Sharma 'Queen'

बस इतनी सी बात थी लगता है उसका कन्या जन्म लेना गुनाह हो गया उस पर उसका सुन्दर होना किसी को खल गया थी मात - पिता की जान वह एकलौती संतान उनकी वह दुनिया थी था उसकी हंसी से घर रोशन एक वहसी से ये सहा न गया प्रेम के नाटक का जाल उसने बिछाया उसके सपने मात-पिता की सेवा औ कुछ बनने के थे उसका उस प्रेम प्रणय के जाल में न आना उसका काल बन गया एक जलता जल वह वहसी उस पर फेक गया ज्यों ही उसका पुरूषत्व होने का अहम ख़ल गया उसका चित्कार असहनिय था वह पीडा वह करूण पुकार बस बात इतनी सी थी शायद सच में उसका कन्या जन्म लेना गुनाह था उस पर उसका सौंदर्य किसी को खल गया था बस बात इतनी सी होती हैं पर किसी की दुनिया ही तबाह होती है बस बात इतनी सी .......... © Manju Rai Sharma 'Queen"

#कविता #nojotokavita #nojotohindi #udaasi  बस इतनी सी बात थी 

लगता है उसका कन्या जन्म 
लेना गुनाह हो गया 
उस पर उसका सुन्दर होना 
किसी को खल गया 

थी मात - पिता की जान 
वह एकलौती संतान 
उनकी वह दुनिया थी 
था उसकी हंसी से घर रोशन 

एक वहसी से ये सहा न गया 
प्रेम के नाटक का जाल उसने बिछाया 
उसके सपने मात-पिता की सेवा औ कुछ बनने के थे 
उसका उस प्रेम प्रणय के जाल में न आना 
उसका काल बन गया 

एक जलता जल वह वहसी 
उस पर फेक गया 
ज्यों ही उसका पुरूषत्व 
होने का अहम ख़ल गया 

उसका चित्कार असहनिय था 
वह पीडा वह करूण पुकार 

बस बात इतनी सी थी 
शायद सच में उसका कन्या जन्म 
लेना गुनाह था 
उस पर उसका सौंदर्य 
किसी को खल गया था 

बस बात इतनी सी होती हैं 
पर किसी की दुनिया ही 
तबाह होती है 
बस बात इतनी सी ..........

© Manju Rai Sharma 'Queen"

गुलाब का फूल # गवाह कोमल प्रेम का # हाँ , मैं गुलाब ज़िसे प्रेम का प्रतीक मानते हुए अपने दिल के अनकहे जजबातों को अपने प्रेमी य़ा प्रेमिका तक पहुँचाने का एक सीधा और सरल माध्यम ,पर क्या लोग यह सोचते हैं कि क्यों मुझे ही चुना जाता है। मैं बताता हूँ भले मेरा जीवन क्षण भर का हो पर मेरी खूशबू हमेशा हवाओं के द्वारा दूर - दूर तक फैलती है और लोंगों को आनन्द प्रदान करती है लोंगो को ताजगी प्रदान करती है क्योंकि जीवन में अपने लिये सब जीते हैं पर दूसरों के लिये जीवन जीना और उनसे प्रेम करना यही मेरा कर्म भी है और धर्म भी और जीवन का सार भी यही है तभी तो आज रोहन और स्मिता ने भी वही किया दोनो ने ही प्रेम विवाह किया और मानवता की सेवा को ही अपना कर्म और धर्म बना लिया स्मिता और रोहन पेशे से docter हैं वे सभी रोगियों का जो सच में लाचार और मजबूर हैं उनका मुफ्त में इलाज करते हैं और जो मजबूत हैं वे अपनी कमाई का कुछ हिस्सा उनके मानव सेवा को देखते हुए कमाई का कुछ हिस्सा उन्हे भलाई के काम हेतु मदद के तौर पर यह कहकर देते हैं कि इसी बहाने वे भी मानवता की सेवा में अपना योगदान दे पा रहें है स्मिता और रोहन एक ऐसे अनाथ आश्रम में कार्यरत हैं जहां पर समाज आजादी के नाम पर अपनी मौज मस्ती के निशां कचरो की पेटियों , अस्पतालों में छोड़ दिया करते हैं और ये दोनो उन्ही अधखिले गुलाबों को लाकर उन्हें सही परवरिश और ग्यान देकर समाज को असभ्य बनते समाज को सुसभ्य बनाने का बीड़ा उठा लिया है ताकी गुलाब के प्रतीक ये कल की धरोहर अपने कर्म की खुशबू से समाज और राष्ट्र को महका सकें और विकास का कार्य चलता रहे और देश बढ़ता रहे जयहिन्द

 गुलाब का फूल # गवाह कोमल प्रेम का #

हाँ , मैं गुलाब ज़िसे प्रेम का प्रतीक मानते हुए अपने दिल के अनकहे जजबातों को अपने प्रेमी य़ा प्रेमिका तक पहुँचाने का एक 
सीधा और सरल माध्यम ,पर क्या लोग यह सोचते हैं कि क्यों मुझे ही चुना जाता है। मैं बताता हूँ भले मेरा जीवन क्षण भर का हो पर मेरी खूशबू हमेशा हवाओं के द्वारा दूर - दूर तक फैलती है और लोंगों को आनन्द प्रदान करती है लोंगो को ताजगी प्रदान करती है क्योंकि जीवन में अपने लिये सब जीते हैं पर दूसरों के लिये जीवन जीना और उनसे प्रेम करना यही मेरा कर्म भी है और धर्म भी और जीवन का सार भी यही है 
तभी तो आज रोहन और स्मिता ने भी वही किया दोनो ने ही प्रेम विवाह किया और मानवता की सेवा को ही अपना कर्म और धर्म बना लिया 
स्मिता और रोहन पेशे से docter हैं वे सभी रोगियों का जो सच में लाचार और मजबूर हैं उनका मुफ्त में इलाज करते हैं और जो मजबूत  हैं वे अपनी कमाई  का कुछ हिस्सा उनके मानव सेवा को देखते हुए कमाई का कुछ हिस्सा उन्हे भलाई के काम हेतु मदद के तौर पर यह कहकर देते हैं कि इसी बहाने वे भी मानवता  की सेवा में अपना योगदान दे पा रहें है  स्मिता और रोहन एक ऐसे अनाथ आश्रम में कार्यरत हैं जहां पर समाज आजादी के नाम पर अपनी मौज मस्ती के निशां कचरो की पेटियों , अस्पतालों में छोड़ दिया करते हैं और ये दोनो उन्ही अधखिले गुलाबों को लाकर उन्हें सही परवरिश और ग्यान देकर समाज को असभ्य बनते समाज को  सुसभ्य बनाने का बीड़ा उठा लिया है ताकी गुलाब के प्रतीक ये कल की धरोहर अपने कर्म की खुशबू से समाज और राष्ट्र को महका सकें और विकास का कार्य चलता रहे और देश बढ़ता रहे 

जयहिन्द

#gulab#nojotohindistory#love#selflessnes

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🙏🙏 अमर्यादित रिश्ता 🙏🙏 लीव इन रिलेशनशीप भारतीय संस्कृती अपने आप में परीपूर्ण , मर्यादित एवं विश्व का मार्गदर्शन करने में सक्षम है हर कार्य अपने आप में सारगर्भित एवं वेग्यानिक कारण से भरपूर है भारत में विवाह एक संस्कार है जो नव जीवन की संरचना और प्रकृती के विकास के लिये महत्तवपूर्ण कार्य है जो नारी और पुरूष के सहयोग के नें असंभव है इसी परम्परा का निर्वाह हमारे पूर्वज और हमारे माता - पिता करते आये है और इस संस्कार का महत्तव गर्भादान से भी जो समाज को विकास के मार्ग पर आरूढ करने में अपनी एक अविश्वश्निय भूमिका निभाता है और इसके पिछे का कारण एक ही था चरित्रवान , गुणी , पराक्रमी बालक य़ा बालिका का जन्म लेना जो समाज को सही दिशा दिखाने के साथ ही उत्तम समाज के निर्मांण मे सहायक हो लेकिन .... आज आधुनिकता की दौड में हमने अपने चेहरे पर पाश्चात्य का मुखौटा पहन लिया है और आजादी की चाहत में रिश्तोँ की मर्यादा लांघ चुके हैं परिणाम हम सब के सामने है समाज में व्याभिचारी खुले आम घूम रहें हैं परवरिश के नाम पर बच्चों को समय और संस्कार नहीं बल्की खुले आम हर गलत काम को करने की छूट पालकों द्वारा मिल जाती है क्योंकि उन्हें रिश्तों से ज्यादा महत्तपूर्ण पैसा नजर आता है माता - पिता बोझ और एकल परिवार की ये परम्परा हमारे आने वाले समाज का प्रतीबींब दिखाती है अगर अब भी हमने अपनी धरोहर को नहीं संभाला तो वो दिन दूर नहीं जब एक आदर्श बच्चे का स्वपन सिर्फ स्वपन बन रह जायेगा और हम अपना अस्तित्व खो चुकें होंगे समय है विचार के मंथन करने का ............... © Manju Rai Sharma 'Queen'

#विचार #nojotothought #indianculture #nojotohindi  🙏🙏 अमर्यादित रिश्ता 🙏🙏
       लीव इन रिलेशनशीप 

भारतीय संस्कृती अपने आप में परीपूर्ण , मर्यादित एवं विश्व का मार्गदर्शन करने में सक्षम है हर कार्य अपने आप में सारगर्भित एवं वेग्यानिक कारण से भरपूर है भारत में विवाह एक संस्कार है जो नव जीवन की संरचना और प्रकृती के विकास के लिये महत्तवपूर्ण कार्य है जो नारी और पुरूष के सहयोग के नें असंभव है 
इसी परम्परा का निर्वाह हमारे पूर्वज और हमारे माता - पिता करते आये है और इस संस्कार  का महत्तव गर्भादान से भी जो समाज को विकास के मार्ग पर आरूढ करने में अपनी एक अविश्वश्निय भूमिका निभाता है और इसके पिछे का कारण एक ही था चरित्रवान , गुणी , पराक्रमी बालक य़ा बालिका का जन्म लेना जो समाज को सही दिशा दिखाने के साथ ही उत्तम समाज के निर्मांण मे सहायक हो लेकिन ....
आज आधुनिकता की दौड में हमने अपने चेहरे पर पाश्चात्य का मुखौटा पहन लिया है और आजादी की चाहत में रिश्तोँ की मर्यादा लांघ चुके हैं परिणाम हम सब के सामने है समाज में व्याभिचारी खुले आम घूम रहें हैं परवरिश के नाम पर बच्चों को समय और संस्कार नहीं बल्की खुले आम हर गलत काम को करने की छूट पालकों द्वारा मिल जाती है क्योंकि उन्हें रिश्तों से ज्यादा महत्तपूर्ण पैसा नजर आता है माता  - पिता बोझ और एकल परिवार की ये परम्परा हमारे आने वाले समाज का प्रतीबींब दिखाती है 
अगर अब भी हमने अपनी धरोहर को नहीं संभाला तो वो दिन दूर नहीं जब एक आदर्श बच्चे का स्वपन सिर्फ स्वपन बन रह जायेगा 
और हम अपना अस्तित्व खो चुकें होंगे 
समय है विचार के मंथन करने का ...............

© Manju Rai Sharma 'Queen'
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बुरके वाली औरत - एक अनोखा प्रेम का अहसा मैने उसकी झीझक दूर करने की कोशिश मैं अपना हाथ जैसे ही बढाया वह पिछे पलट कर भाग गई मैं कुछ समझ नहीं पाया दो तीन दिनो तक वह नजर न आयी मेरी बेचेनी बढ़ती जा रही थी और मन में हजारों सवाल थे ...... poori kahani caption me pade ......

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मैने उसकी झीझक दूर करने की कोशिश मैं अपना हाथ जैसे ही बढाया वह पिछे पलट कर भाग गई मैं कुछ समझ नहीं पाया 
दो तीन दिनो तक वह नजर न आयी मेरी बेचेनी बढ़ती जा रही थी और मन में हजारों सवाल थे ......
poori kahani caption me pade


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बुरके वाली औरत - एक अनोखा प्रेम का अहसास बात कुछ ही दिनो पुरानी है एक दिन मैं सड़क से गुजर रहा था कि अचानक मेरी नजर एक निगाह से मिली और मैं उन मस्त आँखों की गलियों में खो गया और अब तो ये मेरा रोज का काम था मैं रोज उसी समय अर्थात 9:00 बजे जाकर वहाँ सड़क के एक किनारे पर लगे बेंच पर बैठा उसका इंतजार करता और शायद उसे भी कहीं न कहीं इस बात का एहसास हो गया था एक दिन मैं अपने आपको रोक न सका और उसके सामने जाकर खड़ा हो गया वो थोड़ा डर कर दो कदम पीछे हट गई मैने कहा, आप डरिये मत , मैं आपको रोज यहाँ स

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