बचपन और लड़ाई वो बचपन का प्यार ,वो बचपन की लड़ाई स | हिंदी कविता
"बचपन और लड़ाई वो बचपन का प्यार ,वो बचपन की लड़ाई
सुबह झगड़ते थें, शाम को फिर भाई भाई
मस्ती होती थी ज्यादा,थोड़ी सी होती पढ़ाई
मेरी खातिर उसने कई दफा मार खाई,
आज फिर मेरी आंखे भर आई,
फीर से याद आया, वो बचपन और लड़ाई।"
बचपन और लड़ाई वो बचपन का प्यार ,वो बचपन की लड़ाई
सुबह झगड़ते थें, शाम को फिर भाई भाई
मस्ती होती थी ज्यादा,थोड़ी सी होती पढ़ाई
मेरी खातिर उसने कई दफा मार खाई,
आज फिर मेरी आंखे भर आई,
फीर से याद आया, वो बचपन और लड़ाई।