ए पथिक तू रुक तनिक
कितनी दूर तू जाएगा
सँभल जरा विचार कर
कहीं पथ भ्रमित हो जाएगा
कठिनाइयों की बेड़ियों से
खुद को लिपटा पाएगा
गर फस गया मझधार में
तो पार कैसे जाएगा
गर हो तनिक भी धैर्यता
तो बाट की पहचान कर
प्रयाण करना हो अगर
तो साथी की पहचान कर
गर साथ में साथी ना हो
तो स्वयं को साथी बना
अपनी भुजाओं को घुमाके
इंद्र का गांडीव बना..
©Sanu Pandey
#Travel