Sanu Pandey

Sanu Pandey Lives in Mirzapur, Uttar Pradesh, India

एक दिन निकलूंगा, चार दीवारों के बीच से मैं भूखा हूं, तलाश मे हूं, पर अभी मिला नहीं हूं मैं....👺~Sanu

https://instagram.com/sanup_93?igshid=ZDdkNTZiNTM=

  • Latest
  • Popular
  • Repost
  • Video
#Motivational

tu kabhi thakega nahi, tu kabhi rukega nahi , kar sapath, kar sapath Agni path

333 View

हर औरत वेश्या नहीं होती लेकिन हर वेश्या औरत होती है। इस बात को हमेशा याद रखना चाहिए। ...SAADAT HASAN MANTO

658 View

 भूख की गर्माहटों से 
    रात भर जगता रहा 
        उस क्षितिज को देखकर
            वो खूब ललचाता रहा 

चांद पर उंगली रखी है, 
    आज उसको खाने को 
         मां ने उसको चुप किया है, 
             थपकी दी सो जाने को
 
क्या ही ये वो समझ पाता 
   की रोटी है, या चाँद है
        भूख गहरी आँखे, टिमटिम
             भोलेपन का भाव है 

रुग्णता से देह कप-कप
    फिर भी मन मे आश है
        आज नही तो कल सही
           ये कई जन्मों का प्यास है

©Sanu Pandey

भूख की गर्माहटों से     रात भर जगता रहा         उस क्षितिज को देखकर             वो खूब ललचाता रहा चांद पर उंगली रखी है,     आज उसको खाने को          मां ने उसको चुप किया है,

729 View

#Motivational  हिम्मत से हथियार बना
कोरे मन मे भाव बना
साथी जो भी थके राह पर
मूछ दिखा के ताव बना....

©Sanu Pandey

हिम्मत से हथियार बना कोरे मन मे भाव बना साथी जो भी थके राह पर मूछ दिखा के ताव बना.... ©Sanu Pandey

433 View

 एक तेरी नहीं से 
कई ख़्वाब टुटे 
कुछ बिखरे
शाखों से 
कुछ अंकुरण
पर फूटें  
क्या सपने सजे थे 
दिवस के सुनहले
क्या वो भी धरा पे
धरे ही रहेंगे
मै दुल्हन बनूंगी
तू बन मेरा राजा
बसंती के फूलों से
मंडप है साजा
मेरी डोली की
कुछ अनगढ़ कहानी 
ना तू मेरा राजा 
ना मै तेरी रानी

©Sanu Pandey

एक तेरी नहीं से कई ख़्वाब टुटे कुछ बिखरे शाखों से कुछ अंकुरण पर फूटें  क्या सपने सजे थे दिवस के सुनहले क्या वो भी धरा पे धरे ही रहेंगे मै दुल्हन बनूंगी तू बन मेरा राजा बसंती के फूलों से मंडप है साजा मेरी डोली की कुछ अनगढ़ कहानी ना तू मेरा राजा ना मै तेरी रानी ©Sanu Pandey

306 View

#Travel  ए पथिक तू रुक तनिक 
कितनी दूर तू जाएगा 
सँभल जरा विचार कर 
कहीं पथ भ्रमित हो जाएगा 

कठिनाइयों की बेड़ियों से 
खुद को लिपटा पाएगा 
गर फस गया मझधार में 
तो पार कैसे जाएगा 

गर हो तनिक भी धैर्यता 
तो बाट की पहचान कर 
प्रयाण करना हो अगर 
तो साथी की पहचान कर 

गर साथ में साथी ना हो 
तो स्वयं को साथी बना 
अपनी भुजाओं को घुमाके 
इंद्र का गांडीव बना..

©Sanu Pandey

#Travel

565 View

Trending Topic