वक़्त कहा भुलने देता है,किसी की गहरि यादो को ।
किसी के साथ किये गये,उन सभी कसमे वदो को।
ये बस दिखावा है हमारे उपरी मनका ,कि हुम भूल गये है उसको ।
उसकी यदो का पुरा शहर सा है हुमारे भीतरी मन मे ,
मानो हर वक़्त नज़र आता जाता है वो ।
गुजरे हुये एक अरसा सा हुआ मुझे उसकी गली से,
आज भी लगता है कोइ आवाज़ लगाता है मुझ को।
वक़्त कहा भुलने देता है,
©Mayank Pandey
#boatclub swetu @Preeti Tripathi