Mayank Pandey

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hello every one its me mayank. meri poetry hi meri pahchan hai. i wish ap ko wo pasand aye. i love writing

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White ek sawal sari raat jagata hai ishq me kisi ke koi hokar kaise kisi or se dil lagata hai . ek hum hai jo usse khuda ki jagah de baithe ek wo hai ki shaitaan sa zulm dhata hai. tumhe yaad hai ek roz bola tha tumne mujhse ki sari umar na chorna mera sath mayank tumhe mere pyar ka wasta hai. ek sawal sari raat jagata hai ishq me kisi ke koi hokar kaise kisi or se dil lagata hai . ©Mayank Pandey

#शायरी #Moon  White ek sawal sari raat jagata hai 
ishq me kisi ke koi hokar 
kaise kisi or se dil lagata hai .

ek hum hai jo usse khuda ki jagah de baithe 
ek wo hai ki  shaitaan sa zulm dhata hai.

tumhe yaad hai ek roz bola tha tumne mujhse 
ki sari  umar na chorna mera sath mayank 
tumhe mere pyar ka wasta hai.

ek sawal sari raat jagata hai 
ishq me kisi ke koi hokar 
kaise kisi or se dil lagata hai .

©Mayank Pandey

#Moon

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वक़्त कहा भुलने देता है,किसी की गहरि यादो को । किसी के साथ किये गये,उन सभी कसमे वदो को। ये बस दिखावा है हमारे उपरी मनका ,कि हुम भूल गये है उसको । उसकी यदो का पुरा शहर सा है हुमारे भीतरी मन मे , मानो हर वक़्त नज़र आता जाता है वो । गुजरे हुये एक अरसा सा हुआ मुझे उसकी गली से, आज भी लगता है कोइ आवाज़ लगाता है मुझ को। वक़्त कहा भुलने देता है, ©Mayank Pandey

#शायरी #boatclub  वक़्त कहा भुलने देता है,किसी की गहरि यादो को ।

किसी के साथ किये गये,उन सभी कसमे  वदो को।

ये बस दिखावा है हमारे उपरी मनका ,कि हुम भूल गये है उसको ।

उसकी यदो का पुरा शहर सा है हुमारे भीतरी मन मे ,
मानो हर वक़्त  नज़र आता जाता है वो ।

गुजरे हुये एक अरसा सा हुआ मुझे उसकी गली से,
 आज भी लगता है कोइ आवाज़ लगाता है मुझ को।

वक़्त कहा भुलने देता है,

©Mayank Pandey

हम अपने छोटे से जीवन काल में बहूत से लोगों से मिलते है । उनके साथ उठना बैठना बात करना हमें प्रभावित करता है । और इसी प्रभाव में हम उनसे मित्रता करते है । पर क्या हर अच्छा दिखने व बोलने वाला हमारा सच्चा मित्र हो सकता है? मित्रा एक दो अक्षरों का ऐसा समून है, जो इस दुनियां में हर बुरे से बुरे वक़्त में आप के साथ कदम से कदम मिला कर मजबूती से खड़ी रहती है । जिस के अकेले मात्र से हर समस्या बोहत छोटी दिखाई देती है , और आप को उन सब से लडने की प्रेरणा देता है । मित्र वह जो आप को छलता नहीं ,ना आप से किसी स्वार्थ से जुड़ता है। मित्र आप की अनकही किताब का वह ताला होता है, जो आप किसी से सांझा न कर सकते । मित्र आप के स्वाभिमान के लिए किसी से भी लड़ सकता है , उच्च नीच जात पात रंग भेद  इन सबसे परे हो कर आप से हृदय के अंतर मन से जुड़ता है । जिसे कभी मित्र होने का मोल ना चुकाना पड़े , या किसी प्रमाण की आवश्यकता ना देनी पड़े । जो केवल आप की उपलब्धि में  ही खुद को  गौरवान्वित ना  समझे , बल्कि आप के दुख खुद को स्वयं का दुख समझे वही सच्चा मित्र है। ऐसे मित्र बोहत भाग्य से प्राप्त होते है , और उन भाग्यशाली लोगों में से एक हम भी है । मित्र वही है जो मित्र को मृत्यु के अंतिम समय तक साथ ना छोड़े । मेरे सारे सच्चे मित्रों के लिए मेरे ह्रदय से प्रणाम ।          Dil ki baat. - ©Mayank Pandey

#विचार #friends  हम अपने छोटे से जीवन काल में बहूत से लोगों से मिलते है ।
उनके साथ उठना बैठना बात करना हमें प्रभावित करता है ।
और इसी प्रभाव में हम उनसे मित्रता करते है । 
पर क्या हर अच्छा दिखने व बोलने वाला हमारा सच्चा मित्र हो सकता है?
 मित्रा एक दो अक्षरों का ऐसा समून है, जो इस दुनियां में हर बुरे से बुरे वक़्त 
में आप के साथ कदम से कदम मिला कर मजबूती से खड़ी रहती है । 
जिस के अकेले मात्र से हर समस्या बोहत छोटी दिखाई देती है , 
और आप को उन सब से लडने की प्रेरणा देता है ।
मित्र वह जो आप को छलता नहीं ,ना आप से किसी स्वार्थ से जुड़ता है। 
मित्र आप की अनकही किताब का वह ताला होता है, 
जो आप किसी से सांझा न कर सकते ।
मित्र आप के स्वाभिमान के लिए किसी से भी लड़ सकता है , 
उच्च नीच जात पात रंग भेद  इन सबसे 
परे हो कर आप से हृदय के अंतर मन से जुड़ता है । 
जिसे कभी मित्र होने का मोल ना चुकाना पड़े , 
या किसी प्रमाण की आवश्यकता ना देनी पड़े ।
जो केवल आप की उपलब्धि में  ही खुद को  गौरवान्वित ना  समझे ,
बल्कि आप के दुख खुद को स्वयं का दुख समझे वही सच्चा मित्र है।
ऐसे मित्र बोहत भाग्य से प्राप्त होते है , 
और उन भाग्यशाली लोगों में से एक हम भी है ।
मित्र वही है जो मित्र को मृत्यु के अंतिम समय तक साथ ना छोड़े ।
मेरे सारे सच्चे मित्रों के लिए मेरे ह्रदय से प्रणाम ।
        
 Dil ki baat. -

©Mayank Pandey

dil ki baat #friends

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Dil ki baat - ©Mayank Pandey

#विचार  Dil ki baat -

©Mayank Pandey

Dil ki baat - ©Mayank Pandey

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Izhaar bhi tumse hai, aur pyaar bhi tumse hai. Ab dil ka dhadakna aur, Sanson ki raftaar bhi tumse hai. Mukammal ho gaya hun main tujhme ghul ke iskadar, Ki ab to meri jamane me pahachaan bhi tumse hai. Izhaar bhi tumse hai, aur pyaar bhi tumse hai. Log jab puchte hai meri shayari me chupa wo Shaqs Kon hai, Kaise bataaun unhe meri kalam ka likha har kalaam tumse hai. Maine jeeta hai jamane se ladke tumko, Mere har fatah ka inam tumse hai . Izhaar bhi tumse hai, aur pyaar bhi tumse hai. dil ki baat- ©Mayank Pandey

#holdinghands #लव  Izhaar bhi tumse hai, aur pyaar bhi tumse hai.

 Ab dil ka dhadakna aur,
Sanson ki raftaar bhi tumse hai.

Mukammal ho gaya hun main tujhme ghul ke iskadar,
Ki ab to meri jamane me pahachaan bhi tumse hai.

Izhaar bhi tumse hai, aur pyaar bhi tumse hai.

Log jab puchte hai meri shayari me chupa wo Shaqs Kon hai, 
Kaise bataaun unhe meri kalam ka likha har kalaam tumse hai.

Maine jeeta hai jamane se ladke tumko,
Mere har fatah ka inam tumse hai .

Izhaar bhi tumse hai, aur pyaar bhi tumse hai.

dil ki baat-

©Mayank Pandey

Izhaar bhi tumse hai, aur pyaar bhi tumse hai. #holdinghands

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तमाम तजूर्ब से हम को चलो इतना तो पता लगा , जिसे अपना समझ बैठे वही अपना नहीं लगा । यूं न रोए हम कभी गैरों की भीड़ में , और जो कभी अपना समझ के रोए किसी कंधे पे सर रख के हम , मानों वो कंधा अपना नहीं लगा । मुहब्बत में हारे थे बेशक हम किसी एक शक्स से , पर सच तो है की दोस्तों में भी कोई अपना नहीं लगा । मलाल है मुझे साहिब तुझे सच्चा समझने का । तेरा फरेब भी मुझे कभी झूठा नहीं लगा । सोच कर खुद पे हस पड़ा है मयंक आज अच्छा हुआ खुदा की कोई अब अपना नहीं लगा । तमाम तजूर्ब से हम को चलो इतना तो पता लगा , जिसे अपना समझ बैठे वही अपना नहीं लगा । दिल की बात ©Mayank Pandey

#शायरी #patience  तमाम तजूर्ब से हम को चलो इतना तो पता लगा , 
जिसे अपना समझ बैठे वही अपना नहीं लगा ।
यूं न रोए हम कभी गैरों की भीड़ में ,
 और जो कभी अपना समझ के रोए किसी कंधे पे सर रख के हम ,
 मानों वो कंधा अपना नहीं लगा ।
मुहब्बत में हारे थे बेशक हम किसी एक शक्स से ,
पर सच तो है की दोस्तों में भी कोई अपना नहीं लगा ।
मलाल है मुझे साहिब तुझे सच्चा समझने का ।
 तेरा फरेब भी मुझे कभी झूठा नहीं लगा । 
 सोच कर खुद पे हस पड़ा है मयंक आज
अच्छा हुआ खुदा की कोई अब अपना नहीं लगा ।
तमाम तजूर्ब से हम को चलो इतना तो पता लगा ,
जिसे अपना समझ बैठे वही अपना नहीं लगा ।

दिल की बात

©Mayank Pandey

#patience

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