जब जब आये द्वार तुम्हारे रह गए नैना | हिंदी कविता

"जब जब आये द्वार तुम्हारे रह गए नैना पास तुम्हारे भूले बिसरे से गीत मेरे अब बन गए मोहन राग तुम्हारे, फूल हुई हैं सुबह मेरी वाटिका सी हर शाम बनी है सत्संग में तेरे केशव फिर से एक रात सजी है ! ©Krishnaa Harish"

 जब जब आये
             द्वार तुम्हारे 
रह गए नैना
           पास तुम्हारे
 भूले बिसरे से
             गीत मेरे अब
बन गए मोहन
             राग तुम्हारे, 
फूल हुई हैं    
             सुबह मेरी   
वाटिका सी  
                   हर शाम बनी है
सत्संग में     
            तेरे केशव 
फिर से एक   
                 रात सजी है !

©Krishnaa Harish

जब जब आये द्वार तुम्हारे रह गए नैना पास तुम्हारे भूले बिसरे से गीत मेरे अब बन गए मोहन राग तुम्हारे, फूल हुई हैं सुबह मेरी वाटिका सी हर शाम बनी है सत्संग में तेरे केशव फिर से एक रात सजी है ! ©Krishnaa Harish

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