Krishnaa Harish

Krishnaa Harish

Jaipur,,

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#लव  एक गम दे गए हो
तुम्हारी कसम
आँख नम दे गए हो
तुम्हारी कसम
मैं तुम्हें भूलना
 चाहता हूँ मगर
तुम कसम दे गए हो
तुम्हारी कसम 
(tumhari ksm),,, ✍️

©Krishnaa Harish

एक गम दे गए हो तुम्हारी कसम आँख नम दे गए हो तुम्हारी कसम मैं तुम्हें भूलना चाहता हूँ मगर तुम कसम दे गए हो तुम्हारी कसम (tumhari ksm),,, ✍️ ©Krishnaa Harish

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#भक्ति  गिरधर! 
तुम्हें 
देखने की 
उम्मीद ही 
हर बार
मुझे जिंदा
कर देती है, 
वरना मेरा
आशियाँ तो
कब का
 तय हो 
चुका था,,,

©Krishnaa Harish

गिरधर! तुम्हें देखने की उम्मीद ही हर बार मुझे जिंदा कर देती है, वरना मेरा आशियाँ तो कब का तय हो चुका था,,, ©Krishnaa Harish

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जब जब आये द्वार तुम्हारे रह गए नैना पास तुम्हारे भूले बिसरे से गीत मेरे अब बन गए मोहन राग तुम्हारे, फूल हुई हैं सुबह मेरी वाटिका सी हर शाम बनी है सत्संग में तेरे केशव फिर से एक रात सजी है ! ©Krishnaa Harish

#कविता  जब जब आये
             द्वार तुम्हारे 
रह गए नैना
           पास तुम्हारे
 भूले बिसरे से
             गीत मेरे अब
बन गए मोहन
             राग तुम्हारे, 
फूल हुई हैं    
             सुबह मेरी   
वाटिका सी  
                   हर शाम बनी है
सत्संग में     
            तेरे केशव 
फिर से एक   
                 रात सजी है !

©Krishnaa Harish

जब जब आये द्वार तुम्हारे रह गए नैना पास तुम्हारे भूले बिसरे से गीत मेरे अब बन गए मोहन राग तुम्हारे, फूल हुई हैं सुबह मेरी वाटिका सी हर शाम बनी है सत्संग में तेरे केशव फिर से एक रात सजी है ! ©Krishnaa Harish

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#कविता #kitaab            मन मोरे उस ओर चला चल  
         जिधर की आज बयार चली
             इस नगर न उस नगर
           मिलेंगे साजन उसी डगर
                 न चाहूँ हीरा मोती
               सोना चाँदी माँगू न
              न ताकूँ बाट भोर में
       ये रैन (रात) सूनी जागूँ न
                     दो जहाॅं और
          चार दिशा की बातें छोड़ो
                डालो नाविक फेरा
                   ये नौका मोडो
       करूँ सबर न, अब पल भर
          इस नगर न उस नगर
       मिलेंगे साजन उसी डगर।

(साजन =Divine)

©Krishnaa Harish

#kitaab

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#कविता          ये चाँद उसी का
     ये आसमाँ उसी का, 
            ये दुनिया और 
ये सारा जहाँ उसी का
         जहाँ भी जाऊँ
            उसे ही पाऊँ
        ये रेत उसी की
       ये निशाँ उसी का, 
      बहुत ही सस्ते में
       पा लिया उसको
     है मन्दिर उसी का
       ये मकाँ उसी का।

©Krishnaa Harish

ये चाँद उसी का ये आसमाँ उसी का, ये दुनिया और ये सारा जहाँ उसी का जहाँ भी जाऊँ उसे ही पाऊँ ये रेत उसी की ये निशाँ उसी का, बहुत ही सस्ते में पा लिया उसको है मन्दिर उसी का ये मकाँ उसी का। ©Krishnaa Harish

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White हसरतें न ज्यादा पालो मुझसे कच्ची दीवार सा हूँ ढह जाऊँगा, तमाम उम्र सुनी हैं बातें सबकी मौका मिलेगा जब भी मुझको अपना भी तुमसे कुछ कह जाऊँगा, घाट और किनारे बेशक, नसीब हो न हो मुझको मेरा क्या, मैं तो पानी सा हूँ बह जाऊँगा, तुम्हें मुबारक मंजिल अपनी मुझे रास्तों का शौक है नदी, पहाड़, और खुला आसमाँ इनमें भी रहना पड़े,तो रह जाऊँगा। ©Krishnaa Harish

#कविता #Free  White हसरतें न ज्यादा पालो मुझसे
            कच्ची दीवार सा हूँ
                        ढह जाऊँगा, 
तमाम उम्र सुनी हैं बातें सबकी
मौका मिलेगा जब भी मुझको
           अपना भी तुमसे कुछ
                        कह जाऊँगा, 
                  घाट और किनारे
बेशक, नसीब हो न हो मुझको
    मेरा क्या, मैं तो पानी सा हूँ
                          बह जाऊँगा, 
    तुम्हें मुबारक मंजिल अपनी
           मुझे रास्तों का शौक है
नदी, पहाड़, और खुला आसमाँ
                  इनमें भी रहना पड़े,तो          
                           रह जाऊँगा।

©Krishnaa Harish

#Free one life free life,,,,

10 Love

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