जब जमाना कहता है औरत को ये कुरीति ढकोसले मानने होंगे तो आप सब पिता उनके खिलाफ होकर अपनी बेटी की स्थिति क्यों नहीं सुधारते।
बेटियों को कमजोर कहकर अपनी कमजोरी छिपाते हों😡
क्यों आप ने बेटा बेटी का भेदभाव को बढ़ावा दिया?
क्यों हमारी शिक्षा हमारी बात हमारे फैसले को अहमियत नहीं दी?
क्यों हर भाई में इतनी हिम्मत हो जाती है अपने काम बहनों को कराए? क्यों वो हिम्मत से हर बात खुलकर कह पाता है?
क्यों हम संग मारपीट कर सकते हों आप और भाई?
क्यों पैसे मांगने हाथ फैलने की लाचारी दी हमे?