Life Like जीवन भी एक पत्ते की तरह है
मेरे भाई चार दिन हरियाली में
रहकर सुख जाता है
हरे भरे जीवन में भी एक दिन
दुखो का आता है फिर बचपन
से जवानी और बुढ़ापे में बिखर जाता है
©Poet Kuldeep Singh Ruhela
#Lifelike जीवन भी एक पत्ते की तरह है
मेरे भाई चार दिन हरियाली में
रहकर सुख जाता है
हरे भरे जीवन में भी एक दिन
दुखो का आता है फिर बचपन
से जवानी और बुढ़ापे में बिखर जाता है