अलविदा २०२३ कुछ गैरों ने हाथ थामा , तो कुछ अपने | हिंदी Poetry

"अलविदा २०२३ कुछ गैरों ने हाथ थामा , तो कुछ अपने छोड़ गए । अच्छा हुआ - यह साल बीत गया । इस वर्ष की सफर में, कभी धूप तो कभी छांव आए । अच्छा हुआ - यह साल बीत गया। चाहत थी आकाश छूने की - पर डाउनफॉल् ने गले लगा लिया । अच्छा हुआ - यह साल बीत गया । ©Annu Sinha"

 अलविदा २०२३


कुछ गैरों ने हाथ थामा ,
तो कुछ अपने  छोड़ गए  ।
अच्छा हुआ - यह साल बीत गया ।

इस वर्ष की सफर में, 
कभी धूप तो कभी छांव आए ।
अच्छा हुआ - यह साल बीत गया।

चाहत थी आकाश छूने की - 
पर डाउनफॉल् ने गले लगा लिया ।
अच्छा हुआ - यह साल बीत गया ।

©Annu Sinha

अलविदा २०२३ कुछ गैरों ने हाथ थामा , तो कुछ अपने छोड़ गए । अच्छा हुआ - यह साल बीत गया । इस वर्ष की सफर में, कभी धूप तो कभी छांव आए । अच्छा हुआ - यह साल बीत गया। चाहत थी आकाश छूने की - पर डाउनफॉल् ने गले लगा लिया । अच्छा हुआ - यह साल बीत गया । ©Annu Sinha

#humantouch

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