" गुरु दीक्षा " ब्राह्मण ,क्षत्रिय,वैश्य और शूद | हिंदी कवि

" " गुरु दीक्षा " ब्राह्मण ,क्षत्रिय,वैश्य और शूद्र चारों वर्णों को " गुरु दीक्षा " ग्रहण करनें का अधिकार है । गुरु दीक्षा के बिना सभी कर्म निष्फल होते हैं । दीक्षा ग्रहण करनें से करोड़ों जन्म के पाप दूर होते हैं। जो मनुष्य बिना " गूरु -दीक्षा "के मृत्यु को प्राप्त होते हैं । उन्हें " रोरव " नर्क की यातना झेलनी पड़ती है । बैशाख मास में मंत्र लेना उन रत्नों की प्राप्ति का द्योतक माना जाता है । रविवार, बुध, बृहस्पति तथा शुक्रवार मंत्र ग्रहण करनें की अति उत्तम तिथि मानी गयी हैं । इसके अतिरिक्त गुरु जी जिस तिथि को मंत्र दीक्षा दें वही तिथि सर्वोत्तम मानी गयी हैं ।🌹 आप सभी को " गुरु पूर्णिमा " की हार्दिक बधाई,अनंत शुभकामनाएं 🙏✍️ ©बेजुबान शायर shivkumar "

" गुरु दीक्षा " ब्राह्मण ,क्षत्रिय,वैश्य और शूद्र चारों वर्णों को " गुरु दीक्षा " ग्रहण करनें का अधिकार है । गुरु दीक्षा के बिना सभी कर्म निष्फल होते हैं । दीक्षा ग्रहण करनें से करोड़ों जन्म के पाप दूर होते हैं। जो मनुष्य बिना " गूरु -दीक्षा "के मृत्यु को प्राप्त होते हैं । उन्हें " रोरव " नर्क की यातना झेलनी पड़ती है । बैशाख मास में मंत्र लेना उन रत्नों की प्राप्ति का द्योतक माना जाता है । रविवार, बुध, बृहस्पति तथा शुक्रवार मंत्र ग्रहण करनें की अति उत्तम तिथि मानी गयी हैं । इसके अतिरिक्त गुरु जी जिस तिथि को मंत्र दीक्षा दें वही तिथि सर्वोत्तम मानी गयी हैं ।🌹 आप सभी को " गुरु पूर्णिमा " की हार्दिक बधाई,अनंत शुभकामनाएं 🙏✍️ ©बेजुबान शायर shivkumar

" गुरु दीक्षा "


#ब्राह्मण ,#क्षत्रिय ,#वैश्य और #शूद्र चारों वर्णों को
" गुरु दीक्षा " ग्रहण करनें का #अधिकार है ।
गुरु दीक्षा के बिना सभी कर्म निष्फल होते हैं ।
दीक्षा ग्रहण करनें से करोड़ों जन्म के #पाप दूर होते हैं।

People who shared love close

More like this

Trending Topic