White कभी मन से मन की बात करों कभी खुद से भी मुला | हिंदी Poetry

"White कभी मन से मन की बात करों कभी खुद से भी मुलाकात करो दुनियां की भीड़ में खोवो मत थोड़ा सा खुद पर ध्यान करों माना कि फुर्सत नही तुम्हें दिनभर की आपाधापी से माना कि कठिन परीक्षा में दौड़ रहे हो तुम आगे बाकी से फिर भी थोड़ा सा धीर धरो खुद के मन को वश में लो कर आगे अभी और कठिनता हैं इतने भी मत बन जाओ निडर हां माना हिम्मत भी है तुझमें पर थोड़ा डरना भी होता हैं जीत की लय में मत पालो गुरुर कभी हार से भी मिलना होता हैं बस वही एक क्षण जीवन का हर मार्ग निर्धारित करता हैं पर्वत सा उठने की खातिर मिट्टी में झुकना पड़ता हैं ©Ankur tiwari"

 White कभी मन से मन की बात करों 
कभी खुद से भी मुलाकात करो
दुनियां की भीड़ में खोवो मत 
थोड़ा सा खुद पर ध्यान करों 
माना कि फुर्सत नही तुम्हें 
दिनभर की आपाधापी से
माना कि कठिन परीक्षा में 
दौड़ रहे हो तुम आगे बाकी से
फिर भी थोड़ा सा धीर धरो 
खुद के मन को वश में लो कर
आगे अभी और कठिनता हैं 
इतने भी मत बन जाओ निडर 
हां माना हिम्मत भी है तुझमें 
पर थोड़ा डरना भी होता हैं 
जीत की लय में मत पालो गुरुर 
कभी हार से भी मिलना होता हैं 
बस वही एक क्षण जीवन का
हर मार्ग निर्धारित करता हैं 
पर्वत सा उठने की खातिर 
मिट्टी में झुकना पड़ता हैं

©Ankur tiwari

White कभी मन से मन की बात करों कभी खुद से भी मुलाकात करो दुनियां की भीड़ में खोवो मत थोड़ा सा खुद पर ध्यान करों माना कि फुर्सत नही तुम्हें दिनभर की आपाधापी से माना कि कठिन परीक्षा में दौड़ रहे हो तुम आगे बाकी से फिर भी थोड़ा सा धीर धरो खुद के मन को वश में लो कर आगे अभी और कठिनता हैं इतने भी मत बन जाओ निडर हां माना हिम्मत भी है तुझमें पर थोड़ा डरना भी होता हैं जीत की लय में मत पालो गुरुर कभी हार से भी मिलना होता हैं बस वही एक क्षण जीवन का हर मार्ग निर्धारित करता हैं पर्वत सा उठने की खातिर मिट्टी में झुकना पड़ता हैं ©Ankur tiwari

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कभी मन से मन की बात करों
कभी खुद से भी मुलाकात करो
दुनियां की भीड़ में खोवो मत
थोड़ा सा खुद पर ध्यान करों
माना कि फुर्सत नही तुम्हें
दिनभर की आपाधापी से
माना कि कठिन परीक्षा में

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