कभी बंधनो की आड़ मे, कभी रिवाजो की तार में जकड़ा गया | हिंदी कविता Video

"कभी बंधनो की आड़ मे, कभी रिवाजो की तार में जकड़ा गया, उलझाया गया एक औरत का जीवन ऐसे ही बनाया गया कभी घुंघट में कैद किया, कभी घर रहने का पाठ पढ़ाया गया पति परमेश्वर है तुम्हारा यह अच्छे से समझाया गया एक औरत का जीवन ऐसे ही बनाया गया बच्चों का पालन कर्तव्य, गृहस्थी संभालना धर्म पति की सेवा को सबसे ऊपर दिखाया गया एक औरत का जीवन ऐसे ही बनाया गया पति गुस्सा हो तो दोस्त पत्नी का पत्नी पर पुरुष को चाहे तो लज्जाहिन आदमी के सब गुनाह माफ औरत पर हर इल्जाम लगाया गया एक औरत का जीवन ऐसे ही बनाया गया सृष्टि सिंह ✍️ ©Bindass writer "

कभी बंधनो की आड़ मे, कभी रिवाजो की तार में जकड़ा गया, उलझाया गया एक औरत का जीवन ऐसे ही बनाया गया कभी घुंघट में कैद किया, कभी घर रहने का पाठ पढ़ाया गया पति परमेश्वर है तुम्हारा यह अच्छे से समझाया गया एक औरत का जीवन ऐसे ही बनाया गया बच्चों का पालन कर्तव्य, गृहस्थी संभालना धर्म पति की सेवा को सबसे ऊपर दिखाया गया एक औरत का जीवन ऐसे ही बनाया गया पति गुस्सा हो तो दोस्त पत्नी का पत्नी पर पुरुष को चाहे तो लज्जाहिन आदमी के सब गुनाह माफ औरत पर हर इल्जाम लगाया गया एक औरत का जीवन ऐसे ही बनाया गया सृष्टि सिंह ✍️ ©Bindass writer

#एक औरत का जीवन

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