हे ! भारत के युवा तुम भी एक प्रण करो.... राष्ट्र भ

"हे ! भारत के युवा तुम भी एक प्रण करो.... राष्ट्र भक्ति के भावों को और भी दृढ़ करो.... भारत पर संकट आए तो भारत मां की सेवा पर लग जाना.... बेटे संग बेटियों तुम भी आगे बढ़ जाना.... स्वाधीनता पर आंच आए तो तुम मर्दानी बन जाना.... युगों तक याद रहे वीरता की वो अमर कहानी बन जाना.... वक्त पड़ने पे पर भगत सिंह के किस्से तक गढ़ जाना.... वतन की खातिर हंसते हंसते फांसी तक चढ़ जाना.... शत्रु जब बेवजह सिर पर चढ़ने लगे..औकात उसकी हद से ज्यादा बढ़ने लगे.... सीमाएं बेचैन हो उठें... और प्यास सरहदों की बढने लगे.... उस वक्त तुम हवाओं को एक नया मजमून दे देना.... प्यास से बेचैन सरहदों को सुकून दे देना.... तुम जाकर बस सरहदों में अपना खून दे देना ..... तुम इस धरती पर शौर्य की इक नई दास्तान लिख देना.... कलम की जरूरत नहीं है तुम मिट्टी पर हिंदुस्तान लिख देना.... —शशांक पटेल ©Shashank"

 हे ! भारत के युवा तुम भी एक प्रण करो....
राष्ट्र भक्ति के भावों को और भी दृढ़ करो....

भारत पर संकट आए तो भारत मां की सेवा पर लग जाना....
 बेटे संग बेटियों तुम भी आगे बढ़ जाना....
स्वाधीनता पर आंच आए तो तुम मर्दानी बन जाना....
युगों तक याद रहे वीरता की वो अमर कहानी बन जाना....
वक्त पड़ने पे पर भगत सिंह के किस्से तक गढ़ जाना....
वतन की खातिर हंसते हंसते फांसी तक चढ़ जाना....
शत्रु जब बेवजह सिर पर चढ़ने लगे..औकात उसकी  हद से ज्यादा बढ़ने लगे....
 सीमाएं बेचैन हो उठें... और प्यास सरहदों की बढने लगे....
उस वक्त तुम हवाओं को एक नया मजमून  दे देना....
प्यास से बेचैन सरहदों को सुकून दे देना....
तुम जाकर बस सरहदों में अपना खून दे देना .....
तुम इस धरती पर  शौर्य की इक नई दास्तान लिख देना....
कलम की जरूरत नहीं है तुम मिट्टी पर हिंदुस्तान लिख देना....

—शशांक पटेल

©Shashank

हे ! भारत के युवा तुम भी एक प्रण करो.... राष्ट्र भक्ति के भावों को और भी दृढ़ करो.... भारत पर संकट आए तो भारत मां की सेवा पर लग जाना.... बेटे संग बेटियों तुम भी आगे बढ़ जाना.... स्वाधीनता पर आंच आए तो तुम मर्दानी बन जाना.... युगों तक याद रहे वीरता की वो अमर कहानी बन जाना.... वक्त पड़ने पे पर भगत सिंह के किस्से तक गढ़ जाना.... वतन की खातिर हंसते हंसते फांसी तक चढ़ जाना.... शत्रु जब बेवजह सिर पर चढ़ने लगे..औकात उसकी हद से ज्यादा बढ़ने लगे.... सीमाएं बेचैन हो उठें... और प्यास सरहदों की बढने लगे.... उस वक्त तुम हवाओं को एक नया मजमून दे देना.... प्यास से बेचैन सरहदों को सुकून दे देना.... तुम जाकर बस सरहदों में अपना खून दे देना ..... तुम इस धरती पर शौर्य की इक नई दास्तान लिख देना.... कलम की जरूरत नहीं है तुम मिट्टी पर हिंदुस्तान लिख देना.... —शशांक पटेल ©Shashank

🙏🇮🇳

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