चाहत अभी बाकी है
कुछ मन्नते बाकी है
कुछ इबादत बाकी है
एक उनके इन्तजार में
चारो धाम बाकी है।
बस आ जाए मोरे अंगना में
खिल उठे बागों के फूल
चौखट के अंदर पग पड़ते ही
मेरा घर ही बन जाए मंदिर ।
–अjay नायक ‘वशिष्ठ’
©AJAY NAYAK
#Hope
#चाहतअभीबाकीहै
कुछ मन्नते बाकी है
कुछ इबादत बाकी है
एक उनके इन्तजार में
चारो धाम बाकी है।