AJAY NAYAK

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#बुराइयां #विश्वास #उम्मीद #कविता #mango  White मुझमें अगर बुराईयां ढूढ़ने बैठोगे,
कचरे का अंबार भी कम पड़ जाएगा 
आओ शांति से बैठो मेरे पास 
हजार बुराइयां भी फूल बन जाएंगे 
महरुस्थल बनी जमीन भी 
एक पौध उगा उम्मीद जगा जाएगा 
मुझमें अगर बुराईयां ढूढ़ने बैठोगे,
कचरे का अंबार भी कम पड़ जाएगा
–अjay नायक ‘वशिष्ठ’

©AJAY NAYAK

#mango #उम्मीद #विश्वास #बुराइयां मुझमें अगर बुराईयां ढूढ़ने बैठोगे, कचरे का अंबार भी कम पड़ जाएगा आओ शांति से बैठो मेरे पास हजार बुराइयां भी फूल बन जाएंगे

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#akshaya_tritiya_2024 #कोट्स  White अक्षय तृतीया की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं

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#कविता #sadak #Eyes  कुछ अलग तरह का बंदा हूं 

अँख से अँख मिलेगी 
तभी समझ आएगा 
तेरा किससे पड़ा है पाला 
अँख फोड़कर नही 
ये आज का वो बंदा है सिर्फ
अँख मारकर निकल जाएगा 
–अjay नायक ‘वशिष्ठ’

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#sadak #Eyes कुछ अलग तरह का बंदा हूं अँख से अँख मिलेगी तभी समझ आएगा तेरा किससे पड़ा है पाला

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#सकरात्मकता #मोटीवेशन #कविता #love4life  White  कब तक और कहां तक भागोगे 
हर मोड़ पर कोई नया मिलेगा 
कोई बहुत समझदार होगा तो 
कोई थोड़ा कम समझदार होगा 
कोई बहुत चालाक होगा तो 
कोई थोड़ा कम चालाक होगा 
कोई बहुत ही विश्वासघाती होगा तो 
कोई थोड़ा ही विश्वासघाती होगा 
कोई पूरा का पूरा आत्मनिर्भर होगा तो 
कोई थोड़ा आत्मनिर्भर होगा 
हर कोई कहीं न कहीं से कम ज्यादा होगा 
वो न होगा तो तुम्हारे अंदर ही कम ज्यादा होगा 
ऐसे हर मोड़ पर कोई नया मिलेगा 
अगर तुम्हे आगे बढ़ना होगा 
इन्ही में से किसी एक का चुनाव करना होगा 
इन्ही में से किसी एक में पर भरोसा करना होगा
तभी तुम्हे तुम्हारी राह भी मिलेगी 
तभी तुम्हे तुम्हारी मंजिल भी मिलेगी 
कब तक और कहां तक भागोगे 
हर मोड़ पर कोई नया मिलेगा
–अjay नायक ‘वशिष्ठ’

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#love4life #सकरात्मकता #मोटीवेशन कब तक और कहां तक भागोगे हर मोड़ पर कोई नया मिलेगा कोई बहुत समझदार होगा तो कोई थोड़ा कम समझदार होगा कोई बहुत चालाक होगा तो

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#विचार #Night  White शुभरात्रि मित्रों

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#Night

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 White एक कसाई की दुकान पर मुर्गा रो रहा था 
वहीं बगल में ..........................
भंगार के दुकान पर टीन हस रहा था 
जा तो दोनो रहे थे कटने के लिए 
बस यही एक सामान्य सा फर्क था 
एक रो रहा था एक हस रहा था 
इसपर दोनो के बगल में खाट पर पड़े 
दर्द से कराह रहे एक बुजुर्ग ने बोला 
देखो जिन्हे पता है ...........
उनकी कीमत अब क्या है
वे खत्म होने के मुहाने पर भी हंस रहे हैं 
हमारे जैसे जिन्हे पता नहीं है 
अब हमारी कीमत क्या है 
वे जाते जाते भी रो रहे हैं 
–अjay नायक ‘वशिष्ठ’

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#कविता #किमत एक कसाई की दुकान पर मुर्गा रो रहा था वहीं बगल में .......................... भंगार के दुकान पर टीन हस रहा था जा तो दोनो रहे थे कटने के लिए बस यही एक सामान्य सा फर्क था एक रो रहा था एक हस रहा था

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