sunset nature तुम्हारी खिड़की पर
आके रुकूंगी पवन बनकर
तुम्हारे इत्र में मिल जाऊंगी
सुगंध बनकर
स्पर्श करके तुम्हें
उन दीवारों में समा जाऊंगी
खुशबू बनकर
पट में लिपटकर तुम्हारे
खुद को सिलवा कर
उन धागों संग खुद को उलझा कर
बसेरा अपना बना लूंगी
तुम बस महसूस करना
तुम्हारे आशियाने में रहकर
मैं गीत अपने गाउंगी ।
©Bhanu Priya
#its_poetry तुम्हारी खिड़की पर
आके रुकूंगी पवन बनकर
तुम्हारे इत्र में मिल जाऊंगी
सुगंध बनकर
स्पर्श करके तुम्हें
उन दीवारों में समा जाऊंगी
खुशबू बनकर
पट में लिपटकर तुम्हारे