White सूनी सड़क
सूनी सड़क है
पर चले जा रहा हूं
राही खुद ही
बने जा रहा हूं
मंजिल की ओर देखता
बढ़े जा रहा हूं
पैर के छालों को अपने
देखता जा रहा हूं
राही मिला नहीं दूसरा
विचलित हुए जा रहा हूं
कैसे कहूं मैं
डरे जा रहा हूं
मंजिल मिलेगी मुझे
ये सोचे जा रहा हूं
इरादों को अपने
बुलंद किए जा रहा हूं
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देवेश दीक्षित
©Devesh Dixit
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सूनी सड़क
सूनी सड़क है,
पर चले जा रहा हूँ।
राही खुद ही,