भर भर कर पिया जहर का प्याला, असर अभी भी जिंदा है। | हिंदी कविता

"भर भर कर पिया जहर का प्याला, असर अभी भी जिंदा है। वक्त भी उड़ गया पंख लगाकर, असर अभी भी जिंदा है। मौत ने की गुफ्तगू, तुझे गले लगाऊं कैसे, पथरीले पथ ने तेरे लिए, कांटो की लहर सजाई है। कही आग के शोलो की तो, कही मरहम की बस्ती बनाई है। लहू के अश्कों से रंग भरके, तुझको तस्वीर बनानी है, अधूरे जीवन की कहानी , मोतियो से सजानी है, है इंतजार मे दुश्मन कई, तुझे पल पल गिराने को , अश्कों से धोकर उठा लेना, एक नया मोती सजाने को। पत्थर से भी आ जाए खुशबू, कुछ ऐसा करके जाना है, मुट्ठी मैं उठा जब तू मिट्टी, तो उसे सोना बनकर दिखाना है, है जज्बो की माला तुझमें , कोई कैसे तोड़ पाएगा, ना अब तक मिटी है , न कोई आगे मिटा पाएगा, मैं मौत , जिस दिन तुझे लेने आऊंगा, तेरे कदमों मैं फूलो को बिछा कर सीने से लगाकर ले जाऊंगा ©neelam Arora"

 भर भर कर पिया जहर का प्याला,
असर अभी भी जिंदा है।
वक्त भी उड़ गया पंख लगाकर,
असर अभी भी जिंदा है।
 मौत ने की गुफ्तगू,
तुझे गले  लगाऊं कैसे,
पथरीले पथ ने तेरे लिए,
कांटो की लहर सजाई है।
 कही आग के शोलो की तो,
कही मरहम  की बस्ती बनाई है।
 लहू के अश्कों से  रंग भरके,
तुझको  तस्वीर बनानी है,
अधूरे जीवन की कहानी ,
मोतियो से सजानी है,
है इंतजार मे दुश्मन कई,
तुझे पल पल गिराने को ,
अश्कों से धोकर उठा लेना,
एक नया मोती सजाने को।
 पत्थर से भी आ जाए खुशबू,
कुछ ऐसा करके जाना है,
मुट्ठी मैं उठा जब तू मिट्टी,
 तो उसे सोना बनकर दिखाना है,
 है जज्बो की माला तुझमें ,
कोई कैसे  तोड़  पाएगा,
 ना अब तक मिटी है ,
न  कोई आगे मिटा पाएगा,
मैं मौत , जिस दिन 
तुझे लेने आऊंगा,
तेरे कदमों मैं फूलो को  बिछा कर
सीने से लगाकर ले जाऊंगा

©neelam Arora

भर भर कर पिया जहर का प्याला, असर अभी भी जिंदा है। वक्त भी उड़ गया पंख लगाकर, असर अभी भी जिंदा है। मौत ने की गुफ्तगू, तुझे गले लगाऊं कैसे, पथरीले पथ ने तेरे लिए, कांटो की लहर सजाई है। कही आग के शोलो की तो, कही मरहम की बस्ती बनाई है। लहू के अश्कों से रंग भरके, तुझको तस्वीर बनानी है, अधूरे जीवन की कहानी , मोतियो से सजानी है, है इंतजार मे दुश्मन कई, तुझे पल पल गिराने को , अश्कों से धोकर उठा लेना, एक नया मोती सजाने को। पत्थर से भी आ जाए खुशबू, कुछ ऐसा करके जाना है, मुट्ठी मैं उठा जब तू मिट्टी, तो उसे सोना बनकर दिखाना है, है जज्बो की माला तुझमें , कोई कैसे तोड़ पाएगा, ना अब तक मिटी है , न कोई आगे मिटा पाएगा, मैं मौत , जिस दिन तुझे लेने आऊंगा, तेरे कदमों मैं फूलो को बिछा कर सीने से लगाकर ले जाऊंगा ©neelam Arora

#poem# असर अभी भी जिंदा है#राइटर नीलम अरोड़ा

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