शीर्षक- नहीं तेरे साथ में कोई तो क्या हुआ -------- | हिंदी शायरी

"शीर्षक- नहीं तेरे साथ में कोई तो क्या हुआ --------------------------------------------------------------- नहीं तेरे साथ में कोई तो क्या हुआ। अकेला है गर सफर में तू , तो क्या हुआ।। शिकायत जिंदगी से कभी नहीं करना। नहीं है तेरा घर कोई तो क्या हुआ।। नहीं तेरे साथ में---------------------।। बहा तू पसीना अपना, चमन तेरा खिलेगा। मिलेगी खुशी तुमको, चिराग तेरा जलेगा।। अभी तो है ख्वाब बहुत, सजाने को जीवन। टूट गया गर एक, सपना तो क्या हुआ।। नहीं तेरे साथ में---------------------।। आते हैं तूफ़ां भी, कभी जिंदगी में भी। गर्दिश का दौर भी, कभी जिंदगी में भी।। अपनों ने गर तुमसे, कर लिया किनारा। टूट गया गर एक रिश्ता तो क्या हुआ।। नहीं तेरे साथ में---------------------।। बहुत है ऐसे भी जो, गरीबी में जीते हैं। शिकवा नहीं करते वो, मस्ती में रहते हैं।। ऐसे बुरे वक्त में तू , होना नहीं निराश। करता नहीं प्यार, कोई तो क्या हुआ।। नहीं तेरे साथ में---------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma"

 शीर्षक- नहीं तेरे साथ में कोई तो क्या हुआ
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नहीं तेरे साथ में कोई तो क्या हुआ।
अकेला है गर सफर में तू , तो क्या हुआ।।
शिकायत जिंदगी से कभी नहीं करना।
नहीं है तेरा घर कोई तो क्या हुआ।।
नहीं तेरे साथ में---------------------।।

बहा तू पसीना अपना, चमन तेरा खिलेगा।
 मिलेगी खुशी तुमको, चिराग तेरा जलेगा।।
अभी तो है ख्वाब बहुत, सजाने को जीवन।
टूट गया गर एक, सपना तो क्या हुआ।।
नहीं तेरे साथ में---------------------।।

आते हैं तूफ़ां भी, कभी जिंदगी में भी।
गर्दिश का दौर भी, कभी जिंदगी में भी।।
अपनों ने गर तुमसे, कर लिया किनारा।
टूट गया गर एक रिश्ता तो क्या हुआ।।
नहीं तेरे साथ में---------------------।।

बहुत है ऐसे भी जो, गरीबी में जीते हैं।
शिकवा नहीं करते वो, मस्ती में रहते हैं।।
ऐसे बुरे वक्त में तू , होना नहीं निराश।
करता नहीं प्यार, कोई तो क्या हुआ।।
नहीं तेरे साथ में---------------------।।




शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma

शीर्षक- नहीं तेरे साथ में कोई तो क्या हुआ --------------------------------------------------------------- नहीं तेरे साथ में कोई तो क्या हुआ। अकेला है गर सफर में तू , तो क्या हुआ।। शिकायत जिंदगी से कभी नहीं करना। नहीं है तेरा घर कोई तो क्या हुआ।। नहीं तेरे साथ में---------------------।। बहा तू पसीना अपना, चमन तेरा खिलेगा। मिलेगी खुशी तुमको, चिराग तेरा जलेगा।। अभी तो है ख्वाब बहुत, सजाने को जीवन। टूट गया गर एक, सपना तो क्या हुआ।। नहीं तेरे साथ में---------------------।। आते हैं तूफ़ां भी, कभी जिंदगी में भी। गर्दिश का दौर भी, कभी जिंदगी में भी।। अपनों ने गर तुमसे, कर लिया किनारा। टूट गया गर एक रिश्ता तो क्या हुआ।। नहीं तेरे साथ में---------------------।। बहुत है ऐसे भी जो, गरीबी में जीते हैं। शिकवा नहीं करते वो, मस्ती में रहते हैं।। ऐसे बुरे वक्त में तू , होना नहीं निराश। करता नहीं प्यार, कोई तो क्या हुआ।। नहीं तेरे साथ में---------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma

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