White " त्याग का दूसरा नाम " सौ हड्डियां टूटे जित | हिंदी कव

"White " त्याग का दूसरा नाम " सौ हड्डियां टूटे जितना दर्द सहन कर नौ माह में मुझे इस दुनिया में लाती । देर रात जागकर मुझे सीने से लगाकर सुलाती । गोद में लिए सारा काम कर लेती फिर भी नही कहती की में थक जाती । स्कूल की ड्रेस से लेकर मेरे जूतो की लेस तक बांधती । हर मौसम ठंड,गर्मी,बरसात चौबीस घंटे हमारा ध्यान रखती । तपती गर्मी में चूल्हों संग खाना बनाती फिर भी एक उफ़ तक नही करती । दर्द में भी रह स्वयं हँसती और हमें भी हंसाती । गलतियों में डांटती और रूठ जाऊँ तो मना भी लेती । छोटी उमर से बड़ी उमर तक एक जैसा प्यार करती । मैं हार जाऊँ तो मुझे दोबारा जीतने का हौसला देती । जीवन की राह में कैसे चलना है यह पाठ पढ़ाती । सब कुछ त्याग कर हम बच्चों का जीवन सवारती । इस त्याग का दूसरा नाम ही " माँ " आज का दिन इस त्याग की ममतामयी "माँ" के नाम जो अपना जीवन निः स्वार्थ पूर्ण हम पर न्यौछावर करती ।। ©nehabsoulte sonī"

 White " त्याग का दूसरा नाम "

सौ हड्डियां टूटे जितना दर्द सहन कर 
नौ माह में मुझे इस दुनिया में लाती ।
देर रात जागकर मुझे सीने से लगाकर सुलाती ।
गोद में लिए सारा काम कर लेती फिर 
भी नही कहती की में थक जाती ।
स्कूल की ड्रेस से लेकर मेरे जूतो की लेस तक बांधती ।
हर मौसम ठंड,गर्मी,बरसात चौबीस घंटे हमारा ध्यान रखती ।
तपती गर्मी में चूल्हों संग खाना बनाती फिर भी 
एक उफ़ तक नही करती ।
दर्द में भी रह स्वयं हँसती और हमें भी हंसाती ।
गलतियों में डांटती और रूठ जाऊँ तो मना भी लेती ।
छोटी उमर से बड़ी उमर तक एक जैसा प्यार करती ।
मैं हार जाऊँ तो मुझे दोबारा जीतने का हौसला देती ।
जीवन की राह में कैसे चलना है यह पाठ पढ़ाती ।
सब कुछ त्याग कर हम बच्चों का जीवन सवारती ।
इस त्याग का दूसरा नाम ही 
" माँ "
आज का दिन इस त्याग की ममतामयी 
"माँ" के नाम जो अपना जीवन निः स्वार्थ 
पूर्ण हम पर न्यौछावर करती ।।

©nehabsoulte sonī

White " त्याग का दूसरा नाम " सौ हड्डियां टूटे जितना दर्द सहन कर नौ माह में मुझे इस दुनिया में लाती । देर रात जागकर मुझे सीने से लगाकर सुलाती । गोद में लिए सारा काम कर लेती फिर भी नही कहती की में थक जाती । स्कूल की ड्रेस से लेकर मेरे जूतो की लेस तक बांधती । हर मौसम ठंड,गर्मी,बरसात चौबीस घंटे हमारा ध्यान रखती । तपती गर्मी में चूल्हों संग खाना बनाती फिर भी एक उफ़ तक नही करती । दर्द में भी रह स्वयं हँसती और हमें भी हंसाती । गलतियों में डांटती और रूठ जाऊँ तो मना भी लेती । छोटी उमर से बड़ी उमर तक एक जैसा प्यार करती । मैं हार जाऊँ तो मुझे दोबारा जीतने का हौसला देती । जीवन की राह में कैसे चलना है यह पाठ पढ़ाती । सब कुछ त्याग कर हम बच्चों का जीवन सवारती । इस त्याग का दूसरा नाम ही " माँ " आज का दिन इस त्याग की ममतामयी "माँ" के नाम जो अपना जीवन निः स्वार्थ पूर्ण हम पर न्यौछावर करती ।। ©nehabsoulte sonī

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