मनोज की कलम से: राम कृष्ण की करो वंदना नानक का गुड़ | हिंदी शायरी
"मनोज की कलम से:
राम कृष्ण की करो वंदना
नानक का गुड़गान करो
महावीर को शीश नभाओ
आत्म चेतना शुद्ध करो
....
बुल्ले शाह से सीख फकीरी
संत कबीर ह्रदय में धरो
धीरे धीरे होले होले
आत्म चेतना बुद्ध करो
......"
मनोज की कलम से:
राम कृष्ण की करो वंदना
नानक का गुड़गान करो
महावीर को शीश नभाओ
आत्म चेतना शुद्ध करो
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बुल्ले शाह से सीख फकीरी
संत कबीर ह्रदय में धरो
धीरे धीरे होले होले
आत्म चेतना बुद्ध करो
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