Manoj Swaraji

Manoj Swaraji

  • Latest
  • Popular
  • Video

मनोज की कलम से: धूप से बोला अंधेरा तू है यह प्रमाण ला धूप फिर ये हँस के बोली ज्यादा न तू फड़फड़ा .... तू जहां है मैं भला आऊं ये कैसे तू बता आ गई तो वज़ूद तेरा पल में ख़ाक हो गया ... कौन लेगा फिर प्रमाण जब वहां कुछ न बचा इसलियें चुपचाप रहकर ले अंधेरे तू मज़ा

#विचार #Forest  मनोज की कलम से:
धूप से बोला अंधेरा
तू है यह प्रमाण ला
धूप फिर ये हँस के बोली
ज्यादा न तू फड़फड़ा
....
तू जहां है मैं भला
आऊं ये कैसे तू बता
आ गई तो वज़ूद तेरा
पल में ख़ाक हो गया
...
कौन लेगा फिर प्रमाण
जब वहां कुछ न बचा
इसलियें चुपचाप रहकर
ले अंधेरे तू मज़ा

धूप #Forest

9 Love

मनोज की कलम से: राम कृष्ण की करो वंदना नानक का गुड़गान करो महावीर को शीश नभाओ आत्म चेतना शुद्ध करो .... बुल्ले शाह से सीख फकीरी संत कबीर ह्रदय में धरो धीरे धीरे होले होले आत्म चेतना बुद्ध करो ......

#worldphotographyday #शायरी  मनोज की कलम से:
राम कृष्ण की करो वंदना
नानक का गुड़गान करो
महावीर को शीश नभाओ
आत्म चेतना शुद्ध करो
....
बुल्ले शाह से सीख फकीरी
संत कबीर ह्रदय में धरो
धीरे धीरे होले होले
आत्म चेतना बुद्ध करो
......

राम कृष्ण #worldphotographyday

8 Love

मनोज की कलम से: (गीत) ..... इश्क़ की आरज़ू, हुश्न हो रूबरू दूर रहने की ज़हमत, गवारा नहीं आपकी महक से, रात गुलशन रहे हो सवेरा ये हमकों, गवारा नहीं ...... इश्क़ की आरज़ू हुश्न हो रूबरू... ..... तेरे अंदाज़ का कुछ नशा यू हुआ बिन पिये हम नशे में बहकने लगे सांस थमने लगी नब्ज़ बढ़ने लगी ये कदम बिन वजह के थिरकने लगे .... हाथ मे हाथ हो, तुम मेरे पास हो ज़ोर जज़बातों पर अब, हमारा नहीं ...... इश्क़ की आरज़ू हुश्न हो रूबरू... .... घट रहा है ये क्या हमको कुछ न खबर आग के ताप से दिल दहकने लगे राख का ढ़ेर फिर से सुलगने लगा बर्फ से सर्द लम्हें पिघलने लगे ... न कहे कुछ अभी, न सुने कुछ अभी कहने सुनने में इंट्रस्ट हमारा नही .... इश्क़ की आरज़ू हुश्न हो रूबरू... .....💐

#शायरी #CalmingNature  मनोज की कलम से: (गीत)
.....
इश्क़ की आरज़ू, हुश्न हो रूबरू
दूर रहने की ज़हमत, गवारा नहीं
आपकी महक से, रात गुलशन रहे
हो सवेरा ये हमकों, गवारा नहीं
......
इश्क़ की आरज़ू
हुश्न हो रूबरू...
.....
तेरे अंदाज़ का कुछ नशा यू हुआ
बिन पिये हम नशे में बहकने लगे
सांस थमने लगी नब्ज़ बढ़ने लगी
ये कदम बिन वजह के थिरकने लगे
....
हाथ मे हाथ हो, तुम मेरे पास हो
ज़ोर जज़बातों पर अब, हमारा नहीं
......
इश्क़ की आरज़ू
हुश्न हो रूबरू...
....

घट रहा है ये क्या हमको कुछ न खबर
आग के ताप से दिल दहकने लगे
राख का ढ़ेर फिर से सुलगने लगा
बर्फ से सर्द लम्हें पिघलने लगे
...
न कहे कुछ अभी, न सुने कुछ अभी
कहने सुनने में इंट्रस्ट हमारा नही
....
इश्क़ की आरज़ू
हुश्न हो रूबरू...

.....💐

आरज़ू #CalmingNature

8 Love

#KargilVijayDiwas मनोज की कलम से: तेरे चुल्लू में, समंदर समेट सकता हूँ तेरे जुम्बिश में, भूकंप लपेट सकता हूँ ..... बाल की खाल की तफ़शील से करके गढ़ना में जो चाहूं तो नए शास्त्र फिर गढ़ सकता हूँ

#kargilvijaydiwas #शायरी  #KargilVijayDiwas मनोज की कलम से:
तेरे चुल्लू में, समंदर समेट सकता हूँ
तेरे जुम्बिश में, भूकंप लपेट सकता हूँ
.....
बाल की खाल की तफ़शील से करके गढ़ना
में जो चाहूं तो नए शास्त्र फिर गढ़ सकता हूँ

मनोज की कलम से: समंदर की कहानी क्या नदी के दौर का मौसम अमीरी को सलामी क्या अभी है आम का मौसम ... पकड़ के हाथ बिठलालें कहाँ क़िस्मत अभी मेरी अभी है दौड़ की कोशिश अभी है इश्क़ का मौसम ... आम=आम आदमी ...

#शायरी #EscapeEvening #इश्क़  मनोज की कलम से:
समंदर की कहानी क्या
नदी के दौर का मौसम
अमीरी को सलामी क्या
अभी है आम का मौसम
...
पकड़ के हाथ बिठलालें
कहाँ क़िस्मत अभी मेरी
अभी है दौड़ की कोशिश
अभी है इश्क़ का मौसम
...
आम=आम आदमी
...

मनोज की कलम से इश्क़ की ख़ामोशियां समझेगा कैसे हुश्न....... बातूनी है इश्क़ की बारीकियां समझेगा कैसे हुश्न...... ☺कानूनी है ..... फ़िकर की आग में जलते ज़िगर को बात तफ़सील से समझानी है इश्क़ की ख़ामोशियां समझेगा कैसे हुश्न........😊 बातूनी है .... निरे जज्बात का आचार डालो नहीं पाकिेट में दाना पानी है इश्क़ की ख़ामोशियां समझेगा कैसे हुश्न......😊 बातूनी है .... नया ये दौर है चलना संभलकर कहीं रह जाओ न केवल उलझकर सलाह ये तुमको खानदानी है इश्क़ की ख़ामोशियां समझेगा कैसे हुश्न...... 😊बातूनी है ...

#शायरी #हुश्न #BoneFire  मनोज की कलम से
इश्क़ की ख़ामोशियां समझेगा कैसे
हुश्न....... बातूनी है
इश्क़ की बारीकियां समझेगा कैसे
हुश्न...... ☺कानूनी है
.....
फ़िकर की आग में जलते ज़िगर को
बात तफ़सील से समझानी है
इश्क़ की ख़ामोशियां समझेगा कैसे
हुश्न........😊 बातूनी है
....
निरे जज्बात का आचार डालो
नहीं पाकिेट में दाना पानी है
इश्क़ की ख़ामोशियां समझेगा कैसे
हुश्न......😊 बातूनी है
....
नया ये दौर है चलना संभलकर
कहीं रह जाओ न केवल उलझकर
सलाह ये तुमको खानदानी है
इश्क़ की ख़ामोशियां समझेगा कैसे
हुश्न...... 😊बातूनी है
...
Trending Topic