रूके हुए से कदम वक़्त के संग चलने लगे, लोग कहते हैं | हिंदी Shayari

"रूके हुए से कदम वक़्त के संग चलने लगे, लोग कहते हैं कि हम फितरतें बदलने लगे l जमाना था कभी बेफिक्र हुआ करते थे हम, अब तो हर आज, कल की फ़िक्र में ही ढलने लगे l हमसे उम्मीद न अब कीजिए वफाओं की, वफ़ा के रास्ते, हद से मेरी निकलने लगे l हसरतें कागजों पर मैने लिख रखीं थी कभी, फर्ज की बारिशों में ख्वाब मेरे गलने लगे l बनके शबनम मिले थे यार मुझे राहों में, आग में नफरतों की शोले बनके जलने लगे l रूके हुए से कदम वक़्त के संग चलने लगे, लोग कहते हैं कि हम फितरतें बदलने लगे l #SelfWritten.. ✍️@Anil_kr93 ©The creativity of Anil Rathore"

 रूके हुए से कदम वक़्त के संग चलने लगे,
लोग कहते हैं कि हम फितरतें बदलने लगे l 

जमाना था कभी बेफिक्र हुआ करते थे हम,
अब तो हर आज, कल की फ़िक्र में ही ढलने लगे l 

हमसे उम्मीद न अब कीजिए वफाओं  की,
वफ़ा के रास्ते, हद से मेरी निकलने लगे l 

हसरतें कागजों पर मैने लिख रखीं थी कभी, 
फर्ज की बारिशों में ख्वाब मेरे गलने लगे l 

बनके शबनम मिले थे यार मुझे राहों में, 
आग में नफरतों की शोले बनके जलने लगे l 

रूके हुए से कदम वक़्त के संग चलने लगे,
लोग कहते हैं कि हम फितरतें बदलने लगे l 
#SelfWritten.. ✍️@Anil_kr93

©The creativity of Anil Rathore

रूके हुए से कदम वक़्त के संग चलने लगे, लोग कहते हैं कि हम फितरतें बदलने लगे l जमाना था कभी बेफिक्र हुआ करते थे हम, अब तो हर आज, कल की फ़िक्र में ही ढलने लगे l हमसे उम्मीद न अब कीजिए वफाओं की, वफ़ा के रास्ते, हद से मेरी निकलने लगे l हसरतें कागजों पर मैने लिख रखीं थी कभी, फर्ज की बारिशों में ख्वाब मेरे गलने लगे l बनके शबनम मिले थे यार मुझे राहों में, आग में नफरतों की शोले बनके जलने लगे l रूके हुए से कदम वक़्त के संग चलने लगे, लोग कहते हैं कि हम फितरतें बदलने लगे l #SelfWritten.. ✍️@Anil_kr93 ©The creativity of Anil Rathore

रूके हुए से कदम वक़्त के संग चलने लगे,
लोग कहते हैं कि हम फितरतें बदलने लगे l

जमाना था कभी बेफिक्र हुआ करते थे हम,
अब तो हर आज, कल की फ़िक्र में ही ढलने लगे l

हमसे उम्मीद न अब कीजिए वफाओं की,
वफ़ा के रास्ते, हद से मेरी निकलने लगे l

People who shared love close

More like this

Trending Topic