कल जिंदगी से कुछ गुफ्तगू हुई
कुछ #सच और #झूठ की कशमकश हुई
ढूंढा उसको इधर उधर
आख मिचौली कर मुस्का रही थी
हम दोनों क्यूँ ख़फ़ा एक दूसरे से
मैं उसे और वो मुझे समझा रही थी
मैंने पूछा क्यों इतना दर्द दिया
कमबख्त तूने
वो हँसके बोली - जिंदगी हूँ पगले
तुझे जीना सिखा रही थी
#शायरांश
©Dipendra singh Rajpurohit
#जिदंगी #सच #गुफ्तगू