Dipendra singh Rajpurohit

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Jodhpur लिखता मन हैं ...... बोलती कलम हैं..... पढती तन्हाई हैं .....✍✍

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ये बारिश सच में क्या बादलों के टकराने से आती है? या दूर आसमान में कोई बदली चुपचाप आंसूं बहाती है? शायद चाँद...... किसी सितारे के तिकोने पर एक झूला रेशमी डोर वाला बांध आता है.... जिस पर बैठ बादल विरह का गीत गाता है ✍,,,,,,,,,,,✍ ©Dipendra singh Rajpurohit

#बारिश #बादल #विरह  ये बारिश सच में क्या बादलों 
के टकराने से आती है?
या दूर आसमान में कोई 
बदली चुपचाप आंसूं बहाती है?

शायद चाँद......
 किसी सितारे के तिकोने पर 
एक झूला रेशमी डोर वाला 
बांध आता है....
जिस पर बैठ बादल 
विरह का गीत गाता है
✍,,,,,,,,,,,✍

©Dipendra singh Rajpurohit

मेरी जिंदगी का कोरा कागज नही #खत हो तुम.......!! भले ही ना पढ सकूं पर..... मेरे लिखने की लत हो तुम.......!! ©Dipendra singh Rajpurohit

#lonely #खत  मेरी जिंदगी का कोरा कागज नही

 #खत हो तुम.......!!

भले ही ना पढ सकूं पर.....

मेरे लिखने की लत हो तुम.......!!

©Dipendra singh Rajpurohit

तेरे बारे में क्या लिखूं ,,,,,✍ सोचूँ तुझे तो ख्वाब बन जाते हो तुझे देखूं तो सपना तुझे छू लूँ तो ख्वाहिश बन जाते हो तुझे मांगू तो मन्नत तुझ से बात करूं तो आदत बन जाते हो तुझे पा लूँ तो जन्नत और तेरे बारे में क्या लिखूं तुझे जी लूँ तो "जिंदगी" बन जाते हो #बज्म #शायरांश ©Dipendra singh Rajpurohit

#शायरांश #जिदंगी #ख्वाब #बज्म  तेरे बारे में क्या लिखूं ,,,,,✍
सोचूँ तुझे तो ख्वाब बन जाते हो

तुझे देखूं तो सपना
तुझे छू लूँ तो ख्वाहिश बन जाते हो

तुझे मांगू तो मन्नत
तुझ से बात करूं तो आदत बन जाते हो

तुझे पा लूँ तो जन्नत और
तेरे बारे में क्या लिखूं

तुझे जी लूँ तो
"जिंदगी" बन जाते हो

#बज्म #शायरांश

©Dipendra singh Rajpurohit

कल जिंदगी से कुछ गुफ्तगू हुई कुछ #सच और #झूठ की कशमकश हुई ढूंढा उसको इधर उधर आख मिचौली कर मुस्का रही थी हम दोनों क्यूँ ख़फ़ा एक दूसरे से मैं उसे और वो मुझे समझा रही थी मैंने पूछा क्यों इतना दर्द दिया कमबख्त तूने वो हँसके बोली - जिंदगी हूँ पगले तुझे जीना सिखा रही थी #शायरांश ©Dipendra singh Rajpurohit

#गुफ्तगू #शायरांश #जिदंगी #झूठ #सच  कल जिंदगी से कुछ गुफ्तगू हुई
कुछ #सच और #झूठ की कशमकश हुई

ढूंढा उसको इधर उधर
आख मिचौली कर मुस्का रही थी

हम दोनों क्यूँ ख़फ़ा एक दूसरे से
मैं उसे और वो मुझे समझा रही थी

मैंने पूछा क्यों इतना दर्द दिया
कमबख्त तूने
वो हँसके बोली - जिंदगी हूँ पगले
तुझे जीना सिखा रही थी
#शायरांश

©Dipendra singh Rajpurohit

करो शमशीर तुम अपनी कलम को धार होने दो भँवर में मुल्क है अपना इसे पतवार होने दो उठा इतिहास देखो इस कलम की हैसियत को तुम बदल डालो नई पीढ़ी इन्हें तलवार होने दो।। ©Dipendra singh Rajpurohit

 करो शमशीर तुम अपनी कलम को धार होने दो

भँवर में मुल्क है अपना इसे पतवार होने दो

उठा इतिहास देखो इस कलम की हैसियत को तुम

बदल डालो नई पीढ़ी इन्हें तलवार होने दो।।

©Dipendra singh Rajpurohit

#Love

8 Love

दौलतो ने किया इश्क पर यूँ असर इश्क रोता रहा जिंदगी खो गयी उल्फते नफरतों में बदलती रही धूल बन गयी वो हसीं रोशनी ©Dipendra singh Rajpurohit

#इश्क #असर #intimacy  दौलतो ने किया इश्क पर यूँ असर 

इश्क रोता रहा जिंदगी खो गयी 


उल्फते नफरतों में बदलती रही 

धूल बन गयी वो हसीं रोशनी

©Dipendra singh Rajpurohit
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