White मैं भी वो चांद हूं जिसे देख मेरी मां हर सुबह– शाम मुस्कुराती है
मैंने देखा है वो खुदा से मेरी सलामती की मन्नतें करती रहती है
मैं अक्सर नादानियों में रूठ जाता हूं
मेरी मां देर रात में निवाला खिलाकर चादर ओढ़ाकर जाती है
©कवि- जीतू जान
#mothers_day